2257 नेपालियों की हुई स्वदेश वापसी, भारत-नेपाल मैत्री जिंदाबाद के लगे नारे

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पिथौरागढ़, 01 मई (हि.स.)। लॉक डाउन में पिथौरागढ़ में फंसे 2257 नेपाली नागरिकों की वतन वापसी हो गई।भारत-नेपाल को जोड़ने वाले तीन अंतरराष्ट्रीय झूला पुलों से इन्हें स्वदेश भेजा गया।
झूलाघाट से 1299 और बलुआकोट और धारचुला से 958 नेपाली नागरिकों को नेपाल भेजा गया। लंबे समय बाद हुई मुल्क वापसी से नेपालियों के चेहरे पर रौनक दिखी। इन लोगों ने भारत-नेपाल मैत्री जिंदाबाद के नारे भी लगाए। चार दिन पूर्व नेपाल सरकार ने अपने नागरिकों को वापस लेने के लिए भारतीय प्रशासन को पत्र भेजा था। केंद्र सरकार द्वारा माइग्रेंट मजदूरों की घरवापसी के लिए मिली छूट के बाद पुलिस, एसएसबी और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में नेपाली नागरिकों को स्वदेश भेजा गया।
कोरोना महामारी के चलते भारत और नेपाल में लॉक डाउन डाउन होने से दोनों मुल्कों के बीच सभी अंतरराष्ट्रीय झूलापुल सीज हो गए थे। इस कारण 2257 नेपाली नागरिक भारत में फंसे गए। इन सबको झूलाघाट, धारचुला, बरम, बलुआकोट और जिला मुख्यालय के स्कूलों और सरकारी भवनों में बनाये गए शिविरों में रखा गया था। इनके रहने-खाने और स्वास्थ्य परीक्षण की पूरी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन के कंधों पर थी। नेपाल में लगातार लॉक डाउन की सीमा बढ़ने से नेपाली नागरिकों में भारी नाराजगी देखने को मिल रही थी। वतन वापसी होने पर नेपाली नागरिकों ने राहत की सांस ली। इन लोगों ने मुल्क वापसी पर  स्थानीय प्रशासन और भारत सरकार का आभार जताया है।

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