‘टू प्लस टू’ वार्ता के लिए अमेरिका के रक्षा और विदेश मंत्री पहुंचे भारत

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नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (हि.स.)। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर तीसरी ‘टू प्लस टू’ वार्ता के लिए सोमवार को नई दिल्ली पहुंचे। दोनों अमेरिकी मंत्री मंगलवार को अपने भारतीय समकक्षों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ वार्ता करेंगे।

विदेश मंत्रालय की ओर से भेजे गए आधिकारिक कार्यक्रम के अनुसार अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर मंगलवार सुबह 10 बजे अपने-अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ दिल्ली के हैदराबाद हाउस में ‘टू प्लस टू’ वार्ता में शामिल होंगे। इस वार्ता में भारत की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने-अपने मंत्रालय से जुड़े प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। दोपहर एक बजे दोनों आगंतुक नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनके आवास पर मुलाकात करेंगे।

सोमवार दोपहर दो बजे अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर नई दिल्ली पहुंच गए। आज शाम को अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करेंगे। शाम सात बजे विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने समकक्ष माइक पोम्पियो से भी मुलाकात करेंगे। दोनों मुलाकातें दिल्ली के हैदराबाद हाउस में होंगी। इस दौरान मंगलवार को होने वाली ‘टू प्लस टू’ वार्ता का प्रारूप तय होगा।

‘टू प्ल टू’ वार्ता में दोनों देश द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा चीन के भारत-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते दबदबे पर भी चर्चा होगी। इस दौरान काफी समय से लंबित ‘बेसिक एक्सचेंज एंड कार्पोरेशन एग्रीमेंट’ पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। यह एग्रीमेंट दोनों देशों के बीच उच्च सैन्य प्रौद्योगिकी, रसद और भू-स्थानिक नक्शे साझा करने से जुड़ा है। इससे दोनों देशों के सैन्य सहयोग में इजाफा होगा।

‘टू प्लस टू’ में उच्च स्तरीय सामरिक रक्षा सहयोग, वाणिज्य, संपर्क, सप्लाई चैन के विकास, आतंकवाद विरोधी प्रतिक्रिया और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श होगा। दोनों देश इस दौरान कोरोना महामारी से निपटने में सहयोग और इससे जुड़े वैक्सीनेशन कार्यक्रम पर भी विचार-विमर्श कर सकते हैं।

मंगलवार की सुबह पहले दोनों अमेरिकी नेता राष्ट्रीय युद्ध समारक पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। वह उसी दिन शाम को अपनी आगे की यात्रा के लिए निकल जायेंगे।

अमेरिकी विदेश मंत्री ने पहले ही इस बैठक के बारे में कहा था कि चीन का आक्रामक रवैया और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की शत्रुतापूर्ण गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए भारत और अमेरिका के बीच सहयोग बढ़ाए जाने की जरूरत है। इससे पहले की दो ‘टू प्लस टू’ वार्ता सितंबर 2018 में नई दिल्ली और पिछले वर्ष वाशिंगटन में हुई थी।

 


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