22 अप्रैल:इतिहास के पन्नों में

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नेताजी का इस्तीफाः पिता जानकीनाथ बोस की इच्छा थी कि सुभाषचंद्र बोस इंडियन सिविल सर्विस (आईसीएस) के अधिकारी बनें। बेटे सुभाष ने 1920 में यह परीक्षा वरीयता सूची में चौथा स्थान प्राप्त करते हुए पास की। लेकिन पसोपेश का मंजर आया तो सुभाष ने अपने बड़े भाई शरतचंद्र बोस को पत्र लिखकर उनकी राय जाननी चाही- जिसके दिलो-दिमाग पर स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरविंद घोष के आदर्शों ने कब्जा कर रखा है ऐसे में आईसीएस बनकर वह अंग्रेजों की गुलामी कैसे कर पाएंगे ?
लिहाजा, 22 अप्रैल 1921 को उन्होंने सचिव आईएस मान्टेग्यू को आईसीएस से अपना त्यागपत्र लिख दिया। मां प्रभावती को जब यह पता लगा तो उन्होंने पत्र लिखा- पिता, परिवार के लोग या अन्य कोई कुछ भी कहे, उन्हें अपने बेटे के फैसले पर गर्व है। सुभाष स्वतंत्रता सेनानी देशबंधु चित्तरंजन दास से प्रभावित थे और उनके साथ काम करने को इच्छुक थे। रवींद्रनाथ ठाकुर की सलाह पर सुभाष भारत वापस आने पर सबसे पहले बंबई गए और महात्मा गांधी से मुलाकात की। गांधीजी मुंबई में मणिभवन में निवास करते थे। वहां 20 जुलाई 1921 को गांधीजी और सुभाषचंद्र बोस की पहली मुलाकात हुई। गांधीजी ने उन्हें कलकत्ता जाकर दास बाबू के साथ काम करने की सलाह दी। उन दिनों गांधीजी ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ असहयोग आंदोलन चला रखा था और दास बाबू इस आंदोलन का बंगाल में नेतृत्व कर रहे थे। सुभाष भी उनके साथ इस आंदोलन के सहभागी बने। यहीं से एक नये सुभाष का जन्म हुआ जो आगे चलकर नेताजी के नाम से प्रतिष्ठित हुआ। उन्होंने नारा दिया था- तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।
पृथ्वी दिवसः दुनिया भर में पर्यावरण के प्रति जन जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से 22 अप्रैल 1970 में पृथ्वी दिवस यानी अर्थ डे मानाने की शुरुआत हुई। इसे 192 देशों ने अपनाया और आज पूरी दुनिया में हर वर्ष इसे मनाते हुए व्यापक स्तर पर पृथ्वी की हरियाली व जीव-जंतुओं के संरक्षण का संकल्प लिया जाता है। पर्यावरण की बढ़ती चुनौतियों के बीच इस तरह के वैश्विक आयोजनों का ख़ास महत्व है।
1870- रूसी क्रांति के जनक लेनिन का जन्म।
1906- यूनान के एथेंस में 10वें ओलंपिक खेलों की शुरुआत।
1915- प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान जर्मनी की सेना ने पहली बार जहरीली गैस का इस्तेमाल किया।
1931- मिस्र और इराक ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये।
1974- लेखक चेतन भगत का जन्म।
2016- 170 से ज्यादा देशों ने जलवायु परिवर्तन पर पेरिस संधि पर हस्ताक्षर किए। इसे नवंबर 2016 में लागू किया गया।

 


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