2029 तक 35 ट्रिलियन का हो जाएगा भारतीय पर्यटन : टूरिज्म रिपोर्ट
जयपुर, 29 अप्रैल (हि.स.)। फिक्की-यस बैंक रिपोर्ट इंडिया इनबाउंड टूरिज्म : अनलॉकिंग द ऑपर्च्युनिटीज में भारत को टूरिज्म पॉवरहाउस बताया गया है। 2018 में इस क्षेत्र द्वारा 6.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 247.3 बिलियन अमेरिकन डॉलर (16.91 ट्रिलियन भारतीय रुपये) अर्जित किए गए, जो कुल अर्थव्यवस्था का 9.2 प्रतिशत है। वर्तमान में यात्रा और पर्यटन क्षेत्र द्वारा जीडीपी में योगदान के संदर्भ में भारत विश्व का 8वां सबसे बड़ा देश और दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा मार्केट है। वर्ष 2029 तक भारतीय पर्यटन क्षेत्र 6.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 35 ट्रिलियन तक पहुंच जाएगा, जो कुल जीडीपी का 9.6 प्रतिशत भाग होगा।
रिपोर्ट में बताया गया है कि 2018 में पर्यटन क्षेत्र में 26.7 मिलियन रोजगार उत्पन्न हुए थे। 2029 तक इस क्षेत्र द्वारा प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 53 मिलियन रोजगार प्रदान किए जाने की उम्मीद है। 2017 में फॉरेन टूरिस्ट अराइवल 10 मिलियन की संख्या को पार कर गया था और यह वृद्धि आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। भारत में घरेलू पर्यटकों की संख्या इस क्षेत्र की प्रमुख ताकत है, जो वैश्विक औसत से कही अधिक मजबूत है। आय में बढ़ोतरी, नई सदी के पर्यटकों की संख्या में वृद्धि, नवीन डेस्टिनेशन और पर्यटन के नए थीम इस विकास को आगे बढ़ाएंगे। फिक्की-यस बैंक की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि पर्यटन क्षेत्र की वास्तविक क्षमता का उपयोग करने के लिए पर्यटन स्थलों का व्यवस्थित एवं सतत विकास, रखरखाव के साथ-साथ पर्यटन के उभरते हुए अवसरों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है। भारत के यात्रा एवं पर्यटन क्षेत्र की बढ़ोतरी में काफी हद तक घरेलू पर्यटकों का योगदान है। कुछ प्रमुख देशों की तुलना में भारत में विदेशी पर्यटकों की अभी भी सीमित भागीदारी है। सरकार का लक्ष्य 2020 तक दुनिया के अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक आगमन में 1 प्रतिशत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करना और 2025 तक इसे 2 प्रतिशत तक बढ़ाना है।
रिपोर्ट के अनुसार पर्यटन के पारम्परिक एवं उभरते हुए थीम घरेलू एवं विदेशी पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण रहे हैं, जिनमें प्रकृति आधारित, विरासत एवं सांस्कृतिक, धार्मिक, साहसिक, मेडिकल एवं वैलनेस, माईस एवं वेडिंग मुख्य रूप से शामिल हैं। भविष्य में इस क्षेत्र के विकास को आगे ले जाने में घरेलू मांग, आर्थिक विकास, प्रतिस्पर्धी मूल्य, इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट, नवीन स्थलों का उद्भव और मुख्य पर्यटन उत्पादों की भूमिका अहम रहेगी। डेस्टिनेशंस के थीमेटिक डवलपमेंट, स्थानीय लोगों के कौशल विकास और इस क्षेत्र की विकासात्मक पहलों की अवधारणा एवं कार्यान्वयन के लिए सरकारी एवं निजी क्षेत्र के आपसी सहयोग की अत्यंत आवश्यकता है। भारत को टूरिज्म सुपर पॉवर बनाने के लिए रिपोर्ट में कुछ सुझाव दिए गए हैं। इनमें राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के लिए टूरिज्म कॉंपिटिटीव्नेस इंडेक्स ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग, नेशनल टूरिज्म अथारिटी एड्वाइजरी कॉउन्सिल का गठन, निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाना, होटलों के लिए तर्कसंगत जीएसटी, लैंड बैंक रिपोजिटरी, राज्य स्तर पर अधिक से अधिक समन्वय, निजी क्षेत्र की भागीदारी के जरिए सरकार के स्वामित्व वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर को उन्नत किया जाना, उद्योग आधारित कौशल विकास, लघु उद्यमों का समर्थन एवं सहयोग करना, इनबाउंड पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया का लाभ उठाना, पर्यटन क्षेत्र में तकनीक का उपयोग, संयुक्त वीजा का विकल्प, सोर्स मार्केट पर ध्यान देना एवं उत्तर-पूर्व भारत पर ध्यान देना अहम हैं।