मुख्‍यमंत्री डॉ.  मोहन यादव ने दी होली की सभी को बधाई, कहा- जीवन में शुभता आए

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भोपाल, 13 मार्च। होली सभी के हृदय को उल्लास से भर देती है, यह रंगों का त्‍यौहार है। यह केवल रंगों से खेलने का त्यौहार नहीं, बल्कि अपने अंदर की नकारात्मकता को जलाने और पवित्रता एवं आनंद को जागृत करने का पर्व है। यह कुंठाओं और आपसी कटुता को म‍िटा देने का उत्‍सव है। संपूर्ण भारत ही नहीं जहां भी दुनिया में सनातन धर्म को माननेवाले लोग रहते हैं वे सभी इस त्‍यौहार को मनाते हैं। गुरुवार रात होलिका दहन के साथ इसकी विधिवत शुरूआत हो रही है, ऐसे में मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रंगों के इस महाउत्‍सव पर सभी प्रदेशवासियों को अपनी शुभकामनाएं एवं बधाई दी हैं ।

उन्‍होंने आज सोशल मीडिया एक्‍स के माध्‍यम से कहा है कि ‘‘असत्य, अधर्म एवं अत्याचार पर भक्ति की जीत के प्रतीक पर्व होलिका दहन की आप सभी को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं। आइए, इस पवित्र अग्नि में सभी नकारात्मतक तत्वों को समर्पित कर जीवन में मंगल और शुभता का वरदान मांगें। देश और समाज के प्रति अपने अमूल्य योगदान की सिद्धि का संकल्प लें।

उल्‍लेखनीय है कि यह परंपरा राजा हिरण्यकश्यप और उनके पुत्र प्रह्लाद की कथा से जुड़ी हुई है। राजा हिरण्यकश्यप, अहंकार में अंधा हो गया था और अपने पुत्र प्रह्लाद की विष्णु देवता के प्रति अटूट भक्ति को समाप्त करना चाहता था। उसने अपनी बहन होलिका से कहा कि वह प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठे, क्योंकि उसके पास एक ऐसा वस्त्र था जो आग में जलने से बचाता था।

होलिका ये सोचकर कि ये वस्त्र उसे बचा लेगा, प्रहलाद को लेकर अग्नि की चिता पर बैठ गई। लेकिन, ईश्वरीय लीला से उस वस्त्र ने उड़कर प्रह्लाद को ढक लिया, जिससे वह सुरक्षित रहा, और होलिका स्वयं जलकर राख हो गई। होलिका दहन की प्रथा हमें यह सिखाती है कि अहंकार और अन्याय चाहे जितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, सच्ची आस्था और आपके विश्‍वास और सत्‍य के सामने वह नष्ट हो जाता है।

पतीकात्‍मक रूप से होलिका हमारे विकारों (क्रोध, अहंकार, लोभ, मोह) का प्रतीक है। प्रह्लाद सत्यता, पवित्रता और ईश्वर में विश्वास का प्रतीक है। अग्नि परमात्मा के ज्ञान की शक्ति है, जो आत्मा को विकारों से मुक्त करती है। होलिका दहन के दौरान, कुछ स्थानों पर लोग कोकी (मीठी रोटी) को धागे में बांधकर जलाते हैं। यह हमारे भौतिक शरीर की नश्वरता और आत्मा की अमरता को प्रतीकात्मक रूप से दर्शाता है।


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