केंद्र ने भारतीय कुश्ती संघ का निलंबन किया खत्म, तत्काल प्रभाव से मान्यता बहाल

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नई दिल्ली, 11 मार्च । केन्द्र सरकार ने भारतीय कुश्ती संघ के निलंबन काे समाप्त कर उसकी मान्यता तत्काल प्रभाव से बहाल कर दी है। इसकी सूचना केंद्रीय युवा और खेल मंत्रालय ने दिल्ली हाई कोर्ट को दी। केंद्र की इस सूचना के बाद चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका निस्तारित कर दी।

कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा कि खेल मंत्रालय के निदेशक के 10 मार्च के आदेश के मुताबिक 2023 में भारतीय कुश्ती संघ के निलंबन का आदेश वापस ले लिया गया है। इस आदेश के तहत भारतीय कुश्ती संघ को नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन के रूप में मान्यता दी गई है। कोर्ट ने कहा कि उसके पास सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती दी गई है। सिंगल बेंच ने तदर्थ समिति की बहाली का आदेश दिया था। सिंगल बेंच ने कहा था कि भारतीय ओलंपिक संघ चाहे तो तदर्थ समिति का पुनर्गठन कर सकती है।

चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने याचिका का निस्तारण करते हुए सिंगल बेंच को निर्देश दिया कि वो इस मामले पर सुनवाई में तेजी लाए। डिवीजन बेंच ने कहा कि 10 मार्च के केंद्र सरकार के आदेश को कोई भी पक्ष उचित फोरम पर चुनौती दे सकता है। सुनवाई के दौरान पहलवानों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने कहा कि तदर्थ समिति ने हमेशा ही स्पोर्ट्स कोड का उल्लंघन किया है। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि हम अभी केवल टीम के चयन को लेकर चिंतित हैं और ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि जॉर्डन में होने वाले सीनियर एशियन चैंपियनशिप के लिए भारतीय दल का प्रतिनिधित्व हो। इस पर मेहरा ने कहा कि खेल मंत्रालय ने फिर से भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह को कमान दे दी है जो भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह के करीबी हैं। उसके बाद कोर्ट ने कहा कि आपको याचिका वापस लेने की अनुमति दी जाती है और आप चाहें तो खेल मंत्रालय के 10 मार्च के आदेश को चुनौती दे सकते हैं।

दिल्ली हाई कोर्ट ने 6 मार्च को सक्षम निकाय की अनुपस्थिति से अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में पहलवानों के चयन नहीं होने और उनके हिस्सा नहीं लेने पर एतराज जताया था। हाई कोर्ट ने इस बात पर गौर किया था कि 16 अगस्त, 2024 को हाई कोर्ट के सिंगल बेंच ने भारतीय ओलंपिक संघ की ओर से भारतीय कुश्ती संघ के कामकाज की देखरेख के लिए तदर्थ समिति के गठन पर मुहर लगाया था।

दरअसल, खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ को दिसंबर, 2023 में भंग कर तदर्थ कमेटी का गठन किया गया था और मार्च, 2024 में इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन ने तदर्थ समिति को भी भंग कर दिया। सिंगल बेंच के समक्ष बजरंग पुनिया के अलावा विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और सत्यव्रत कादियान ने याचिका दायर की है। याचिका में भारतीय कुश्ती संघ के कामकाज के लिए तदर्थ समिति का गठन करने या सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज को प्रशासक नियुक्त करने की मांग की गई थी। महिला पहलवानों ने भाजपा के पूर्व सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व सचिव विनोद तोमर के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाते हुए केस भी दर्ज कराया है, जो राऊज एवेन्यू कोर्ट में लंबित है।


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