हिमाचल के सरकारी स्कूलों के मेधावी विद्यार्थी पहली बाद विदेश भ्रमण के लिए रवाना
शिमला, 07 फ़रवरी। हिमाचल प्रदेश के इतिहास में पहली बार सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को विदेश भ्रमण पर भेजा गया। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक आवास से 50 मेधावी विद्यार्थियों के दल को 11 दिवसीय शैक्षणिक अध्ययन के लिए कंबोडिया और सिंगापुर के लिए रवाना किया। ये बच्चे 17 फरवरी को वापस देश लौटेंगे। प्रदेश के ये होनहार विद्यार्थी इन दोनों देशों में न केवल ऐतिहासिक धरोहरों का भ्रमण करेंगे, बल्कि वहां की संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहरों, वास्तुकला, विज्ञान और तकनीकी विकास को भी जान पाएंगे। मुख्यमंत्री ने सभी बच्चों को टेबलेट और किट भी वितरित की। उन्होंने बच्चों से पूछा दिल्ली पहली बार कौन जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब में मैं कॉलेज में था, तो पहली बार दिल्ली गया था।
सभी बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा ‘बच्चे देश का भविष्य हैं। आपके सपने आपकी शिक्षा और आपका ज्ञान ही भारत को एक मजबूत और विकसित राष्ट्र बनाएगा।’ उन्होंने कहा कि यह केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि सीखने के साथ-साथ दुनिया को एक नए नजरिए से देखने का सुनहरा अवसर है। यह यात्रा न केवल बच्चों के लिए ज्ञानवर्धक होगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और वैश्विक दृष्टिकोण रखने वाला नागरिक भी बनाएगी। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष 100 मेधावी बच्चों के साथ-साथ अनाथ बच्चों को विदेश भ्रमण पर भेजा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रुप में अपनाया है और 27 वर्ष तक उनकी पढ़ाई और देखभाल की जिम्मेदारी राज्य सरकार का कानूनी दायित्व है। दिसम्बर में ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ को गोवा भ्रमण के लिए भेजा गया था।
सुक्खू ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है। शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए राज्य सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं। यह फैसले आने वाले समय में प्रदेश में स्कूली और उच्च शिक्षा को नई दिशा देंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार पिछली भाजपा सरकार की तरह नए संस्थान खोलने की बजाय उनमें सुविधाएं जुटाने के प्रयास कर रही है। राज्य सरकार ने 200 शिक्षकों को सिंगापुर की एक्सपोजर विजिट पर भी भेजा था, ताकि दुनिया की बेस्ट टीचिंग प्रेक्टिस को हिमाचल में लागू किया जा सके। राज्य सरकार शिक्षकों को देश के बेस्ट शिक्षण संस्थानों से उच्च स्तरीय प्रशिक्षण देने के लिए कदम उठा रही है ताकि शिक्षा व्यवस्था को सुधारा जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश के संसाधनों पर सभी वर्गों का एक समान अधिकार है और राज्य सरकार सभी वर्गों का ध्यान रख रही है।
वहीं भ्रमण के लिए जा रही चंबा जिला की स्मृति जरयाल ने कहा कि वह भाग्यशाली है कि उसे विदेश यात्रा पर जाने का अवसर मिल रहा है, जिसके लिए वह मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की आभारी हैं। उन्होंने कहा कि उसका चयन कल्चरल कैटेगरी से हुआ है और कभी नहीं सोचा था कि कभी विदेश जाऊंगी। अपने चयन के लिए उन्होंने राज्य सरकार का धन्यवाद किया।