इतिहास के पन्नों में 07 फरवरीः  वह टूटा हुआ फूलदान, जिसे लंदन के ब्रिटिश म्यूजियम में सजाया गया

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इतिहास के पन्ने तरह -तरह के रंग से चमकते हैं। किसी पन्ने में खुशियों के सोपान तो किसी में गम की परछाइयां उमड़ती-घुमड़ती हैं। ऐसा ही एक तारीखी फूलदान (पोर्टलैंड वास) है। इसका वैभव यह है कि इसे लंदन के

प्रख्यात ब्रिटिश म्यूजियम में सजाकर रखा गया है। यह दो हजार साल से ज्यादा पुराना है। इस फूलदान के पीछे एक छोटा सा निशान है। इस निशान की कहानी बेहद दिलचस्प है। 07 फरवरी,1845 को विलियम फ्लॉयड यहां घूमने गए थे। वह शराब के नशे में चूर थे। उनकी गलती से यह फूलदान गिर गया और टूटकर 80 से ज्यादा टुकड़ों में बदल गया। उसे तत्काल जोड़ा गया, लेकिन पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ। 103 साल बाद 1948 में यह पूरी तरह से ठीक हुआ। 1988 में इसे म्यूजियम में दोबारा डिस्प्ले किया तो गया पर अब भी उसके पीछे टूट का निशान दिखता है।

लंदन की पुलिस ने इस गलती के लिए विलियम फ्लॉयड को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। उनके वकील ने दलील दी कि फ्लॉयड को जिस कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है, वह कानून पांच पाउंड से ऊपर की चीजें टूटने पर लागू नहीं होता। लिहाजा फ्लॉयड को सिर्फ ग्लास केस तोड़ने का दोषी ठहराते हुए तीन पाउंड का जुर्माना लगाया गया। ब्रिटिश म्यूजियम ने इस घटना की जांच की तो पता चला कि विलियम फ्लॉयड का असली नाम विलियम मुलकाही है। म्यूजियम ने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, क्योंकि विलियम की मानसिक हालत ठीक नहीं थी।

पोर्टलैंड एक रोमन दो-हैंडल वाला ग्लास एम्फोरा है। इस फूलदान में कैमियो-जैसी सजावट है। संभवतः यह ग्रीक पौराणिक कथाओं में वर्णित पेलेस और थेटिस के विवाह को दर्शाती है । इसे रोमन कला की सबसे बेहतरीन कृतियों में से एक माना जाता है। इस फूलदान की ऊंचाई 24.5 सेंटीमीटर और चौड़ाई 17.7 सेंटीमीटर है।


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