विकास सप्ताह : प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना अंतर्गत 2.6 करोड़ लोगों को मिला आयुष्मान कार्ड
अहमदाबाद :गुजरात ने उद्योग से लेकर स्वास्थ्य क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। 7 अक्टूबर 2001 को तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेकर राज्य में विकास की नींव डाली थी। हाल ही में इस विकास यात्रा के 23 वर्ष पूर्ण होने पर इन उपलब्धियों के उपलक्ष्य में 7 से 15 अक्टूबर के दौरान समग्र राज्य में विकास सप्ताह मनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री के रूप में राज्य में शासन की धुरी संभालने के बाद नरेन्द्र मोदी ने जन-जन के आरोग्य तथा सुख-सुविधा सुनिश्चित करते हुए विभिन्न योजनाएँ लॉन्च कीं। दो दशक पहले मरीज आधुनिक उपचार या महंगे ऑपरेशन से वंचित रह जाते थे जबकि आज गुजरात के करोड़ों नागरिक आयुष्मान कार्ड के जरिये नि:शुल्क उपचार प्राप्त कर रहे हैं।
गुजरात में सभी नागरिकों को श्रेष्ठ स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए सुदृढ़ स्वास्थ्य ढाँचा विकसित किया गया है। विशेषकर राज्य के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में झुग्गी-बस्तियों में रहने वाले गरीब व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के स्वास्थ्य सुख पर विशेष बल दिया गया है। प्रधानमंत्री ने ‘स्वस्थ गुजरात, समृद्ध गुजरात’ के मंत्र को आत्मसात् करते हुए करोड़ों नागरिकों के स्वास्थ्य में गुणवत्तापूर्ण सुधार लाया है। नरेन्द्र मोदी के दर्शाए पथ पर आगे बढ़ते हुए आज मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की सरकार गुजरात के स्वास्थ्य क्षेत्र को अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए अनेक नए निर्णय, योजनाएँ व पहलें शुरू कर रही है।
प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना अंतर्गत करोड़ों नागरिकों को स्वास्थ्य कवच
आज गुजरात में सभी स्वास्थ्य सुविधाएँ सुदूरवर्ती क्षेत्रों तक उपलब्ध कराई गई हैं। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना (पीएम-जय) अंतर्गत स्वास्थ्य मेले शुरू किए गए हैं, जिसमें देश की अनेक तहसीलों व गाँवों के स्तर पर सफलतापूर्वक स्वास्थ्य मेले आयोजित कर नागरिकों को स्वास्थ्य से जुड़ी सुविधाएँ व सेवाएँ सरलता से पहुँचाई जाती हैं। इस योजना अंतर्गत अब तक 2.6 करोड़ नागरिकों को पीएम-जय मा कार्ड द्वारा स्वास्थ्य कवच प्रदान किया गया है। उल्लेखनीय है कि 2023-24 में आयोजित गरीब कल्याण मेला अंतर्गत आयुष्मान कार्ड का वितरण कर 3.42 लाख लाभार्थियों को 6852.80 करोड़ रुपये की सहायता का भुगतान किया गया।
माताओं व बच्चों के पोषण के लिए स्वास्थ्य योजनाओं का क्रियान्वयन किया। गर्भवती माताओं का डिजिटलाइज्ड स्वास्थ्य रिकॉर्ड तैयार करने वाला गुजरात देश का प्रथम राज्य है। राज्य सरकार के 23 वर्षों के अथक प्रयासों से अस्पताल में प्रसूति (इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी) का प्रतिशत आज 99.5 पर पहुँचा है, जिसके कारण माता-शिशु मृत्यु दर में भारी कमी आई है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में गुजरात को मिलीं विश्व स्तरीय सुविधाएँ
आज यू. एन. मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर, इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिसीज एंड रिसर्च सेंटर, गुजरात कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट तथा एम. एंड जे. इंस्टीट्यूट ऑफ ऑप्थेल्मोलॉजी जैसे गुजरात के प्रसिद्ध अस्पतालों में अंतरराष्ट्रीय स्तर का उपचार होता है, तो राजकोट में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जैसा अत्याधुनिक अस्पताल भी कार्यरत है, जहाँ नागरिकों को 750 बेड के साथ अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिला है।
‘108’ एम्बुलेंस सेवाओं का प्रभावी क्रियान्वयन
मुश्किल-इमर्जेंसी समय में राज्य के नागरिकों को इमर्जेंसी स्वास्थ्य सुविधाएँ तत्काल उपलब्ध कराने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वर्ष 2007 में ‘108’ एम्बुलेंस सेवा प्रारंभ की गई थी। 14 एम्बुलेंस के साथ शुरू हुई इस ‘108’ इमर्जेंसी सेवा में आज 902 एम्बुलेंस हो गई है। इसमें से 100 नई एम्बुलेंस हाल ही में लॉन्च की गईं। दुर्घटना या इमर्जेंसी स्थिति में घायल-बीमार व्यक्तियों को तत्काल उपचार देने वाली ‘108’ इमर्जेंसी एम्बुलेंस सेवा क्षेत्र में गुजरात देश में अग्रिम स्थान पर है।
नि:शुल्क टीकाकरण अभियान से कोरोना महामारी के विरुद्ध किया संघर्ष
जब पूरा विश्व कोविड-19 महामारी की चपेट में था, तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत के नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए स्वदेशी टीके की खोज की गई। यह टीका चरणबद्ध ढंग से देश के सभी नागरिकों को नि:शुल्क उपलब्ध कराया गया। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में देश में शुरू हुए नि:शुल्क सामूहिक टीकाकरण अभियान में गुजरात ने माइल स्टोन समान प्रदर्शन किया। इसके अतिरिक्त; गुजरात में ‘हर घर दस्तक’ कार्यक्रम के तहत घरेलू स्तर पर टीकाकरण तथा ‘मेरा गाँव कोरोना मुक्त गाँव’ एवं ‘मेरा वॉर्ड कोरोना मुक्त वॉर्ड’ जैसे अभियानों को सफलतापूर्वक चलाया गया।
स्वास्थ्य क्षेत्र में गुजरात द्वारा हासिल की गई अन्य उपलब्धियाँ
गुजरात मोबाइल फूड टेस्टिंग वैन शुरू करने वाला देश का पहला राज्य बना। मोतियाबिंद के मरीजों को मुफ्त आई ड्रॉप्स देने वाला गुजरात देश का पहला राज्य है। ‘मोतियाबिंद अंधत्वमुक्त गुजरात अभियान’ का गुजरात मॉडल केन्द्र सरकार ने भी अपनाया है। जामनगर में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएसओ) का विश्व का पहला ट्रेडिशन मेडिसीन सेंटर निर्माणाधीन है, जो समग्र विश्व में परंपरागत दवाइयों के लिए पहला व एक मात्र ग्लोबल सेंटर होगा। राज्य के नागरिकों को स्थानीय स्तर पर चिकित्सा शिक्षा मुहैया कराने के लिए मेडिकल सीटें बढ़ाई गईं। पिछले 23 वर्षों में राज्य में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 10 (2001-02) से बढ़ा कर 40 (2023-24) की गईं तथा एमबीबीएस सीटों की संख्या 1275 (2001-02) से बढ़ा कर 7050 (2023-24) की गईं।