2023 में बिहार में तैयार हो जाएगा एशिया का सबसे चौड़ा एक्स्ट्रा डोजेड स्टे केबल पुल

0

बेगूसराय, 06 जनवरी (हि.स.)। बिहार में गंगा नदी पर बेगूसराय और पटना के बीच एशिया का सबसे अधिक चौड़ा एक्स्ट्रा डोजेड स्टे केबल तथा बिहार का पहला हाइब्रिड एन्युइटी मॉडल सिक्स लेन पुल अगले साल 2023 के अक्टूबर माह तक बनकर तैयार हो जाएगा। आजादी के बाद गंगा नदी देश में बने सबसे पहले बने राजेन्द्र सेतु (सिमरिया पुल) के समानांतर एक्स्ट्रा डोजेड स्टे केबल ब्रिज, सिक्सलेन औंटा-सिमरिया सड़क पुल का निर्माण कार्य काफी तेजी से चल रहा है।

साइट अभियंता ने बताया कि पुल के हाथीदह साइड से पीलर संख्या-एक एवं सिमरिया की ओर से पीलर संख्या-16 पर सतह का निर्माण (सेगमेंट लांचिंग) पूरा हो गया है। जबकि हाथीदह की ओर से पीलर संख्या-दो एवं तीन तथा सिमरिया की ओर से पीलर संख्या-15 पर सतह का निर्माण कार्य चल रहा है। पीलर संख्या-चार से दस तक सुपर स्ट्रक्चर का काम चल रहा है। जबकि, पीलर संख्या- 11, 12, 13 एवं 14 गंगा नदी के बीच में रहने के कारण निर्माण की रफ्तार धीमी है। एसपी सिंगला कंट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड की देखरेख में वेलस्पॉन इंटरप्राइजेज द्वारा 2018 से निर्माणाधीन 34 मीटर चौड़ा तथा 1.865 किलोमीटर लंबे पुल का निर्माण 2021 में पूरा हो जाना था। लेकिन कोरोना महामारी और गंगा नदी का जलस्तर काफी बढ़ जाने के कारण निर्माण कार्य में विलंब हुआ। अब यह पुल अक्टूबर 2023 में बनकर तैयार होगा। करीब 1161 करोड़ रुपए की लागत से बेगूसराय के सिमरिया और पटना के औंटा के बीच बन रहे पुल के दोनों ओर औंटा फोरलेन से हाथीदह तथा सिमरिया गंगा नदी से राजेन्द्र पुल स्टेशन के समीप एनएच-31 फोरलेन तक 8.15 किलोमीटर लंबे पहुंच पथ अप्रोच रोड का निर्माण काफी तेजी से चल रहा है। साइट अभियंता एवं असिस्टेंट मैनेजर ने बताया कि सिमरिया में गंगा नदी पर बन रहा यह सिक्स लेन पुल एशिया का सबसे अधिक चौड़ा स्टे केबल ब्रिज होगा। पूरे पुल का लोड केबल पर ही रहेगा, नई तकनीक हाइब्रिड एन्युइटी मॉडल से बनने वाले एशिया के दूसरे और बिहार के पहले पुल पर ट्रैफिक समस्या भी नहीं होगी। पुल पर डिवाइडर के दोनों ओर 13-13 मीटर का तीन-तीन लेन सड़क बनेगा तथा साइड में दोनों ओर डेढ़ मीटर चौड़ा फुटपाथ सड़क रहेगा। जिस पर पैदल, साइकिल एवं मोटरसाइकिल से लोग आवागमन कर सकेंगे। इसके अलावे पुल पर पर्याप्त रोशनी की भी व्यवस्था की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि आजादी के बाद पूर्वोत्तर भारत को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिंह के प्रयास से सिमरिया में रेल-सह-रोड पुल बनाया गया था। जिससे आर्थिक और सामरिक क्षेत्र में जबरदस्त फायदा मिला। 2005 के बाद पुल की स्थिति अधिक खराब हुई, मरम्मत का खर्च भी बढ़ गया, लेकिन बार-बार मरम्मति के बावजूद पुल दुरुस्त नहीं रह सका। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जब यह जानकारी मिली तो उन्होंने नया पुल का निर्णय लिया और 2018 में औंटा आकर पुराने सिमरिया पुल के एक ओर सिक्स लेन सड़क पुल तथा दूसरी ओर रेल पुल का शिलान्यास किया। उसके बाद दोनों पुल का काम काफी तेजी से चल रहा है, 2023 में सड़क पुल एवं 2024 में रेल पुल तैयार हो जाने की पूरी उम्मीद है।


प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *