अधिवक्ता के साथ मारपीट के विरोध में अधिवक्ताओं ने कोतवाली थाने का किया घेराव

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सड़क पर उतरकर की नारेबाजी, पूरा दिन ठप रहा कामकाज

रांची, 24 फरवरी (हि.स.)। सिविल कोर्ट परिसर में वकीलों से मारपीट के खिलाफ अधिवक्ताओं में आक्रोश फूट पड़ा। गुरुवार को रांची जिला बार एसोसिएशन के बैनर तले अधिवक्ता सड़क पर उतर आए। बड़ी संख्या में अधिवक्ता जुट कर अल्बर्ट एक्का चौक पहुंचे और वहां प्रदर्शन किया। इसके बाद कोतवाली थाने का भी घेराव किया। प्रदर्शन में शामिल अधिवक्ताओं ने अधिवक्ता पर हमला बंद करो, एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने सहित अन्य मांगों को लेकर नारे भी लगाए। इस दौरान रांची जिला बार एसोसिएशन के महासचिव संजय विद्रोही, पवन रंजन खत्री सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद थे। इससे पहले अधिवक्ताओं ने कोर्ट परिसर में भी प्रदर्शन किया, कुछ देर धरना की शक्ल में बैठ कर भी नारे लगाए। इसके अलावा पूरे दिन कार्य बहिष्कार कर हड़ताल पर हैं। खुद को अदालती काम से पूरी तरह अलग रखा

क्या है मामला

रांची सिविल कोर्ट में बुधवार को पति-पत्नी के बीच भरण-पोषण को लेकर चल रही मध्यस्थता के बीच अधिवक्ता पवन रंजन खत्री और जीएसटी इंस्पेक्टर गौरव सिन्हा के बीच उत्पन्न विवाद हिंसक झड़प में तब्दील हो गई। दिन के तकरीबन दो बजे कोर्ट परिसर में इंस्पेक्टर को अधिवक्ता से उलझता देख ,वहां मौजूद दर्जनों अधिवक्ता जीएसटी इंस्पेक्टर पर टूट पड़े, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें रिम्स में भर्ती कराया गया है।

इधर, इंस्पेक्टर को भीड़ से मुक्त कराने के दौरान दो-तीन पुलिस कर्मी भी चोटिल हो गए थे। अधिवक्ता पवन रंजन को चोट आई है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार अगर पुलिस दो मिनट भी देर से पहुंचती तो भीड़ गौरव सिन्हा को मार डालती। इंस्पेक्टर गौरव मूलरूप से मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं और वर्तमान में चेन्नई में पोस्टेड हैं। उनकी पत्नी शगुन रांची के अशोकनगर में रहती है। उसने पति गौरव के खिलाफ सिविल कोर्ट में 2019 में भरण-पोषण का वाद दर्ज कराया था।

फैमिली कोर्ट में चल रही थी मध्यस्थता

बताया जाता है कि व्यवहार न्यायालय परिसर स्थित फैमिली कोर्ट के अतिरिक्त जज एके पांडेय के चैंबर में मध्यस्थता चल रही थी। पवन रंजन खत्री गौरव की पत्नी शगुन की ओर से केस की पैरवी कर रहे हैं। बहस के बाद दोनों पक्ष चैंबर से बाहर निकला, जहां दोनों में भिड़ंत हो गई। बात गाली-गलौज तक पहुंच गई। इसके बाद दोनों कोर्ट परिसर में आ गए, जहां टीओपी से महज चंद कदम की दूरी पर दोनों पक्षों में मारपीट शुरू हो गई। इसके बाद अधिवक्ताओं ने जीएसटी इंस्पेक्टर की पिटाई कर दी। यह देख मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने बड़ी मशक्कत से गौरव को भीड़ से निकालकर पहले कोतवाली थाना और फिर इलाज के लिए रिम्स पहुंचाया।

मामले अधिवक्ता पवन रंजन खत्री के समर्थन में बड़ी संख्या में अधिवक्ता कोतवाली थाना पहुंचे और जीएसटी इंस्पेक्टर पर कड़ी कार्रवाई की मांग करने लगे। इस दौरान अधिवक्ता पवन रंजन ने इंस्पेक्टर गौरव सिन्हा पर मारपीट, गले से सोने की चेन और जेब से 10 हजार रुपये छीन लेने का आरोप लगाया है। अधिवक्ता के बयान पर कोतवाली थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। पवन रंजन खत्री अधिवक्ता होने के साथ बार एसोसिएशन के निर्वाचित संयुक्त प्रशासनिक सचिव भी हैं।


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