देवरियाः शहीद संतोष यादव का पार्थिव शरीर घर पहुंचा, उमड़ा जनसैलाब

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देवरिया, 21 फरवरी (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के शोपियां में आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हुए राष्ट्रीय रायफल्स के जवान संतोष यादव का पार्थिव शरीर सोमवार को उनके घर देवरिया जिले के रुद्रपुर तहसील के ग्राम टड़वां लाया गया। पार्थिव शरीर देख हजारों लोग फूट-फूटकर रो पड़े। टड़वा में चारों तरफ गम का माहौल है। उनके अंतिम दर्शन के लिए भारी जनसैलाब उमड़ा।
मां मैना देवी अपने बेटे संतोष को लगातार पुकार लगा रही हैं। कह रही हैं कि वह मुझको छोड़कर नहीं जा सकता। मुझसे गलती हुई, मुझे उसके पास जाना चाहिए था। मां की करुण पुकार सुन शहीद के अंतिम दर्शन करने पहुंची भीड़ की आंखें भी नम हो गयीं। अमर शहीद संतोष यादव की पत्नी धर्मशीला ने कहा कि संतोष का सपना था कि उनकी दोनों बेटियां डॉक्टर बनें। वह आठ साल की पलक और छह साल की जाह्नवी को डॉक्टर बनाने के लिए शुरू से अच्छे संस्थान में दाखिला कराना चाहते थे।
शहीद की पत्नी ने सरकार से मांग की है कि दोनों बेटियों को चिकित्सा शिक्षा दिलाने के लिए सुविधा मुहैया कराई जाए। उन्होंने शहीद के सपने को पूरा करने लिए सरकारी नौकरी की मांग की है। वह अपने पति की शहादत को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहती हैं। उनका कहना है कि संतोष के सपने को पूरा करना ही अब उनके जीवन का अंतिम उद्देश्य है। वहीं, शहीद के पिता शेषनाथ यादव ने कहा कि हमें बदला चाहिए। सरकार आतंकियों का सफाया करे।
शहीद संतोष यादव का पार्थिव शरीर रुद्रपुर पहुंचते ही जनसैलाब उमड़ पड़ा। शहीद की याद में रुद्रपुर से उनके पैतृक गांव तक युवाओं ने तिरंगा यात्रा निकाली। जगह जगह लोगों ने शहीद के काफिले पर पुष्प वर्षा कर श्रद्धांजलि दी। पूरा इलाका भारत माता की जय, जब तक सूरज चांद रहेगा संतोष तेरा नाम रहेगा, संतोष यादव अमर रहे के नारों से गूंज उठा।
उल्लेखनीय है कि शनिवार को शोपियां में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में दो जवान- देवरिया के संतोष यादव और महाराष्ट्र के सांगली जिले के रहने वाले रोमित तानाजी चव्हाण शहीद हो गए थे।


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