पूर्वांचल में बागियों के सहारे बसपा की बल्ले बल्ले, मुश्किल में आईं भाजपा-सपा

0

गोरखपुर, 11 फरवरी (हि.स.)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने विभिन्न दलों के बागियों को अपना प्रत्याशी बनाकर उनके लिए मुश्किलें खड़ा कर दी है। बसपा के इस पैंतरे से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने से उपजे असंतोष ने राजनीतिक दलों में बागी पैदा कर दिए हैं। इन बागियों के सहारे खासकर बसपा ने पूर्वांचल के समीकरण बदल दिए हैं। सबसे ज्यादा बगावत भाजपा और सपा में हुई है। टिकट न मिलने पर बागियों ने गुणा-भाग करने के बाद हाथी की सवारी को मुनासिब समझा है। बागियों के समीकरण के हिसाब से जिन क्षेत्रों में जातीय गुणा-गणित फिट बैठा है, उन क्षेत्रों से बसपा ने भी उनकी उम्मीदवारी तय कर एक बड़ा दांव चल दिया है।
राजनैतिक समीक्षक और पत्रकार राजीवदत्त पांडेय की मानें तो बागियों ने बसपा ज्वाइन करने पूर्व शायद दलित और अपनी बिरादरी के वोट को वरीयता दिया है। इसके बूते वे मुकाबले वे आने की उम्मीद देख रहे हैं। इससे उन क्षेत्रों के बागियों को संजीवनी मिली है। बागियों का यह तेवर और निर्णय भाजपा और सपा दोनों के लिए सिरदर्द बन सकते हैं।
गोरखपुर-बस्ती मण्डलों में कई सीटों पर बागी है बसपा प्रत्याशी
गोरखपुर-बस्ती मंडल की कई सीटों पर बागी ही बसपा के प्रत्याशी घोषित हैं। गोरखपुर में सपा से बगावत करने वाले राजेन्द्र सिंह उर्फ पहलवान सिंह को चिल्लूपार और दीपक अग्रवाल को पिपराइच से बसपा ने टिकट दिया है। इसी तरह से देवरिया जिले में बरहज से वर्तमान विधायक सुरेश तिवारी का टिकट भाजपा ने काटा तो उन्होंने भी बगावत की राह अख्तियार करना मुनासिब समझा। अब बसपा ने उन्हें रुद्रपुर से प्रत्याशी बनाया है। इससे भाजपा के मतों में कुछ बिखराव होने के कयास लगाए जा रहे हैं। इधर, भाजपा ने रुद्रपुर से वर्तमान विधायक और राज्यमंत्री जयप्रकाश निषाद को टिकट दिया है।
रामपुर कारखाना भी चढ़ा बगावत की बाली
देवरिया जिले का रामपुर कारखाना सीट भी बगावत की बलि चढ़ गया है। रामपुर कारखाना सीट से दो बार निर्दल चुनाव लड़ चुके गिरिजेश शाही अपनी पत्नी पुष्पा शाही के लिए भाजपा से टिकट मांग रहे थे। भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो बसपा में शामिल हो गए। अब पुष्पा देवी बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। भाजपा ने यहां से सुरेंद्र चौरसिया को टिकट दिया है।
सपा के पूर्व मंत्री साकिर अली का लड़का भी हुआ बागी
पूर्व मंत्री शाकिर अली के पुत्र परवेज आलम ने सपा से बगावत की है। वह भी सपा से टिकट का दावेदार था। लेकिन सपा ने उसे टिकट नहीं दिया तब उसने भी बगावत की राह अख्तियार कर ली। अब वह पथरदेवा विधानसभा से बसपा के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। सपा के मुस्लिम मतों में परवेज सेंध लगा सकते हैं। सपा ने इस सीट से पूर्व मंत्री और मुलायम के करीबियों में शुमार ब्रह्माशंकर त्रिपाठी को मैदान में उतारा है।
महराजगंज में भी बागियों की अच्छी खासी है संख्या
महराजगंज जिले के सिसवा विधानसभा से भाजपा से टिकट के दावेदार धीरेन्द्र कुमार सिंह भी हाथी पर सवार हो गए हैं। सिसवा क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। जिले की नौतनवा सीट पर भी यही हुआ है। सूत्रों के मुताबिक यहां से निर्दल विधायक अमन मणि त्रिपाठी भी भाजपा से टिकट की आस लगाए बैठे थे। लेकिन यह सीट निषाद पार्टी के खाते में चली गई। फिर अमन मणि ने निषाद पार्टी में हाथ पांव चलाया, लेकिन यहां भी उनका प्रयास विफल हो गया। बात नहीं बनी तो वह भी बसपा की शरण में पहुंच गए। बसपा ने भी अमन के पिता अमरमणि त्रिपाठी से पुरानी अदावत भुलाकर अमन को प्रत्याशी बना दिया है। इसी तरह महाराजगंज जिले के मूल निवासी कन्हैया प्रसाद कनौजिया लगभग एक साल पहले समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे। उन्होंने सिद्धार्थनगर की कपिलवस्तु विधानसभा से टिकट की दावेदारी पेश की थी। टिकट नहीं मिला तो बसपा के उम्मीदवार बन गए हैं।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *