स्मार्ट कृषि’ के लिए किसानों को प्रेरित किया जाए- राज्यपाल
जयपुर, 21 जनवरी (हि.स.)। राज्यपाल कलराज मिश्र ने खेती को टिकाऊ और लाभदायक बनाने हेतु ‘स्मार्ट कृषि’ को बढ़ावा दिए जाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों को चाहिए कि वे अपने प्रसार शिक्षा निदेशालयों और कृषि विज्ञान केन्द्रों के जरिए ‘स्मार्ट कृषि’ के लिए किसानों को प्रेरित करें और आवश्यक मोबाइल एप्स भी उपलब्ध कराने में सहायता करें।
मिश्र शुक्रवार को श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर के चतुर्थ दीक्षान्त समारोह में राजभवन से ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के आलोक में कृषि शिक्षा को अधिकाधिक रोजगार परक, कौशल विकास से जुड़ी और उद्यमिता आधारित किया जाए। उन्होंने कहा कि कृषि उद्यमों में छात्रों की अधिकाधिक भागीदारी होगी तभी वे भविष्य में दूसरों को भी रोजगार देने के योग्य बन सकेंगें। उन्होंने कृषि शिक्षा में नवाचारों को बढ़ावा देते हुए खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े नवीन उद्यमों के लिए भी विद्यार्थियों को दक्ष किए जाने पर जोर दिया।
राज्यपाल ने कहा कि कृषि शिक्षा को गांव-देहात के अंतिम छोर तक पहुंचाने के लिए विश्वविद्यालय के संघटक व संबद्ध कृषि महाविद्यालयों द्वारा निरंतर कार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा सूचना और संचार प्रौद्योगिकी की नवीनतम तकनीकों का उपयोग करते हुए छात्रों को गुणवत्ता तथा प्रासंगिकता युक्त कृषि शिक्षा प्रदान करने का आह्वान किया। उन्होंने कृषि में मशीनीकरण के नवाचार अपनाने, खेती में ड्रोन तकनीक का उपयोग करने और विश्वविद्यालयों के एग्री-बिजनेस इन्क्यूबेशन सेंटर पर नवाचारी विचारों को अपनाते मूल्य संवर्द्धित अभिनव उत्पाद बनाने के प्रशिक्षण पर भी ध्यान देने की आवश्यकता जताई। उन्होंने विश्वविद्यालय में आर्थिक रुप से कमजोर छात्र-छात्राओें को पार्ट टाइम रोजगार के लिए सहायता, राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं से एमओयू आदि के लिए हो रहे प्रयासों की सराहना की।
राज्यपाल ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों को चाहिए कि वे नवीनतम कृषि तकनीकों, खेती में नवाचारों, उन्न्त बीज तथा स्थानीय जलवायु और मिट्टी की उर्वरा शक्ति के अनुसार कम पानी में अधिक उपज के लिए अधिकाधिक शोध कार्य करे। उन्होंने शोध कार्य किसानों तक पहुंचाने के भी कारगर प्रयास किए जाने की आवश्यकता जताई।
विशिष्ट अतिथि कृषि एवं पशुपालन विभाग मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए कृषि को जीविकोपार्जन से कहीं आगे ले जाकर विकसित किए जाने की जरूरत है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन और कृषि अवरोध से जुड़े दूसरे कारकों को ध्यान में रखते हुए शोध कार्य करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कृषि को बढ़ावा देने के लिए बजट में विशेष प्रावधान के साथ ही किसानों की आय बढ़ाने, फसल, मृदा संरक्षण और उर्वरकों की सहज उपलब्धता के लिए निरंतर कार्य किए हैं।
राज्यपाल मिश्र ने दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय में सरस्वती सभागृह एवं वर्चुअल कक्षा कक्षों का ऑनलाईन लोकार्पण किया। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा तैयार ‘प्लान्टेशन एलबम 2020-2021’ का भी विमोचन किया। उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्र को कृषि शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए इस अवसर पर ‘डॉक्टर ऑफ साईंस’ की मानद उपाधि प्रदान की। इससे पहले उन्होंने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को स्नातक, पंचवर्षिय समेकित पाठ्यक्रम, स्नातकोत्तर एवं विद्या वाचस्पति उपाधियां तथा विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्र ने इस मौके पर अपने सम्मान के प्रति आभार जताते हुए कृषि शिक्षा के क्षेत्र में विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की। नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चन्द ने अपने दीक्षान्त उद्बोधन में कृषि को समयानुरूप और स्थानीय आवश्यकता के संबंध मे विकसित किए जाने पर जोर दिया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जे.एस. संधु ने विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।