विरोध के साथ मरीजों का भी इलाज करें जूनियर डाक्टर्स : प्रो. संजय काला

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मरीजों का इलाज करना डाक्टर का होता है नैतिक धर्म

कानपुर, 30 दिसम्बर (हि.स.)। गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कालेज से संबद्ध हैलट अस्पताल में बीते कई दिनों से जूनियर डाक्टर्स हड़ताल पर हैं। इससे मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसको देखते हुए गुरुवार को मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने हड़ताल कर रहे जूनियर डाक्टरों से मुलाकात की। प्राचार्य ने साफ कहा कि आप लोग विरोध करते रहें लेकिन मरीजों का इलाज भी करें। मरीजों का इलाज करना डाक्टरों का नैतिक धर्म होता है।

स्नातकोत्तर नीट परीक्षा के परिणाम आने के बाद भी काउंसलिंग न होने से मेडिकल कालेजों को जूनियर रेजीडेंट यानी जेआर नहीं मिल पा रहे हैं। इसका असर सीधा जूनियर डाक्टरों पर पड़ रहा और उन पर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है। नये जूनियर रेजीडेंट के न आने से पहले से कार्यरत जूनियर डाक्टरों पर काम का अतिरिक्त भार पड़ रहा है और सर्कुलर की पूरी चेन बिगड़ चुकी है। इसको लेकर जूनियर डाक्टर प्रथम से लेकर तृतीय वर्ष के विरोध जता रहे हैं और बढ़त कार्य के बोझ को लेकर परेशान हैं। इसी को लेकर देश भर के जूनियर डाक्टर्स विरोध जता रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि नीट परीक्षा की काउंसलिंग कराई जाए ताकि सभी मेडिकल कालेजों को जूनियर रेजिडेंट मिल सके।

इसी कड़ी में गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कालेज से संबद्ध हैलट अस्पताल में जेआर कार्य को बहिष्कार कर हड़ताल पर हैं। इससे मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से प्रभावित हो रही हैं। इसको लेकर गुरुवार को मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला हड़ताल कर रहे जूनियर डाक्टरों से मुलाकात की और काम करने का आग्रह भी किया।

उन्होंने कहा कि आप लोगों की मांगें जायज हैं, लेकिन कार्य बहिष्कार से मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है, जबकि मरीजों का इलाज करना डाक्टरों का नैतिक धर्म है। आप लोग नीट परीक्षा की काउंसिलिंग को लेकर विरोध करते रहें, पर मरीजों का इलाज भी करते रहें। प्राचार्य की वार्ता से कुछ जूनियर डाक्टर्स काम करने को तैयार हुए पर कुछ अभी भी हड़ताल को ही अहम मान रहे हैं। अब देखना होगा कि प्राचार्य की वार्ता से जेआर काम पर लौटते हैं कि नहीं। हालांकि प्राचार्य को विश्वास है कि जेआर काम पर लौटेंगे और उनको विरोध करने के लिए मना नहीं किया गया।


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