वित्तीय प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल में डेटा की निजता से समझौता नहीं: वित्त मंत्री

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नई दिल्ली, 28 सितंबर (हि.स.)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि डिजिटल माध्यम से भुगतान करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सीतारमण ने कहा कि वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) का उपयोग करने में लोगों के डेटा को सुरक्षित रखने के लिए डेटा की निजता के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए।

फिनटेक उद्योग को संबोधित करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि आज डिजिटल तरीके से भुगतान करने वाले भारतीयों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, ऐसे में ग्राहकों के ब्योरे को सुरक्षित रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जनवरी-अगस्त, 2021 के दौरान मूल्य के हिसाब से डिजिटल लेन-देन 6 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है, जबकि वर्ष 2020 में यह 4 लाख करोड़ रुपये और 2019 में 2 लाख करोड़ रुपये था।

वित्त मंत्री ने ‘ग्लोबल फिनटेक फेस्ट-2021’ को संबोधित करते हुए कहा कि डेटा की निजता ऐसी चीज है, जो बहुत महत्वपूर्ण है। इस मसले पर कई भिन्न विचार हो सकते हैं। लेकिन, निजता का सम्मान जरूरी है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत में फिनटेक की स्वीकार्यता की दर 87 फीसदी है, जबकि इसका वैश्विक औसत 64 फीसदी है। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि भारत डिजिटल गतिविधियों, डिजिटल भुगतान के लिए प्रमुख गंतव्य है।’

सीतारमण ने कहा कि भारत वित्तीय समावेशन के मामले में एसजीडी लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में अग्रसर है। साथ ही डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर से देश में वित्तीय समावेशन और वित्तीय सेवाओं को बढ़ाने में मदद मिली है। कार्यक्रम के दौरान ‘जिम्मेदार डिजिटल भुगतान के लिए संयुक्त राष्ट्र सिद्धान्तों’ पर आधारित एक रिपोर्ट भी जारी की गई। रिपोर्ट में सरकार, प्रयोगकर्ताओं, उद्योग और कंपनियों को निर्देशित करने वाले सिद्धान्तों के बारे में बताया गया है। इस रिपोर्ट में वित्तीय प्रौद्योगिकी में महिलाओं की भागीदारी पर भी जोर दिया गया है।


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