कानपुर, 25 सितम्बर (हि.स.)। वैश्विक महामारी कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर देशवासी सशंकित थे। संभावना थी कि अक्टूबर माह के आस-पास तीसरी लहर बच्चों को अधिक प्रभावित करेगी, लेकिन कानपुर आईआईटी ने अपने गणितीय मॉडल के आधार पर राहत भरी खबर दी है। गणितीय मॉडल के अनुसार अब कोरोना की तीसरी लहर आएगी ही नहीं। यह जरुर रहेगा कि खांसी जुकाम की तरह दुनिया में आम फ्लू की तरह कोरोना फिलहाल बना रहेगा।
गौरतलब है कानपुर आईआईटी के वरिष्ठ वैज्ञानिक पद्म श्री प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर शुरुआत से गणितीय मॉडल के जरिये शोध कर रहे हैं। इस गणितीय मॉडल को ‘सूत्र’ नाम दिया गया है और पहली से लेकर दूसरी लहर तक उनकी भविष्यवाणी सटीक साबित हुई है। वहीं तीसरी लहर को लेकर वह बराबर शोध कर रहे थे और करीब दो माह पहले उन्होंने अंदेशा जाहिर किया था कि कोरोना की तीसरी लहर की संभावना कम है। अब उन्होंने अपने गणितीय मॉडल के जरिये साफ कर दिया कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर कहर नहीं बरपाएगी। बताया कि यह सिर्फ अब आम फ्लू की तरह बनकर पूरी दुनिया में रहेगा। इसमें हमको सिर्फ अपनी इम्यूनिटी को सिक्योर करना है।
डा. गुलेरिया के बयान का किया समर्थन
दिल्ली एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने हाल में बयान दिया था कि अब कोरोना की तीसरी लहर देश में नहीं आएगी। इस पर प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि मैं उनके बयान का समर्थन करता हूं। क्योंकि हमारे गणितीय मॉडल में भी यही बात सामने आ रही है और पहले दी गई जानकारी सच साबित हुईं। फिर भी हम लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि नया म्युटेंट व वेरिएंट कैसा हो सकता है कितना घातक होगा, इसका अनुमान लगाने में काफी समय लग जाएगा। इसीलिए थोड़ी सावधानी रखनी जरूरी है। प्रोफेसर ने कहा कि, कोरोना पहले पंडेमिक था, लेकिन अब एंडेमिक बन चुका है।