25 सितंबर: इतिहास के पन्नों में

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एकात्म मानववाद का विचारः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक और भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर 1916 को हुआ। एकात्म मानववाद का विचार देकर उन्होंने भारतीय राजनीति व समाज को नयी चेतना व दृष्टि दी। मजबूत और सशक्त देश के साथ वे एक समावेशी विचारधारा के समर्थक थे।

1937 में वे सहपाठी बालूजी महाशब्दे की प्रेरणा से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क में आए। संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार का सानिध्य भी उन्हें मिला। पढ़ाई पूरी करने के बाद दीनदयाल जी ने संघ के दो वर्षों का प्रशिक्षण लिया और संघ के जीवनव्रती प्रचारक बने। वे आजीवन संघ के प्रचारक रहे।

राजनीति के साथ साहित्य में भी गहरी रुचि रखने वाले पंडित दीनदयाल जी हिंदी व अंग्रेजी भाषाओं में नयी सामाजिक व राजनीतिक स्थापनाओं के साथ लेख लिखे जो तत्कालीन प्रमुख समाचार पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए।

11 फरवरी 1968 को मुगलसराय स्टेशन पर रहस्यमयी परिस्थितियों में पंडित दीनदयाल उपाध्याय का शव मिला। एक रात पूर्व उनकी हत्या की गयी थी। इस खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गयी।


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