जमीयत ने तालिबान से मानवाधिकारों का सम्मान करने और भारत से अच्छे सम्बंधों की आशा जताई

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 समाज सुधार के लिए देशभर में अभियान चलाने का निर्णय



नई दिल्ली, 18 सितंबर (हि.स.)। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक को संबोधित करते हुए कहा है कि अफगानिस्तान की नई तालिबान सरकार से दुनिया को बहुत उम्मीद है। दुनिया की निगाहें तालिबान की तरफ लगी हुई हैं। अब तालिबान को अपनी कार्यशैली से लोगों का दिल जीतने का काम करना है। लंबे समय तक विश्व शक्तियों के साथ संघर्ष और असंख्य कुर्बानियों के बाद अपने देश को विदेशी हस्तक्षेप से पवित्र करके सत्ता तक पहुंचने वाले तालिबान से हम आशा करते हैं कि वह इस्लामी मूल्यों की रोशनी में मानवाधिकारों का सम्मान करते हुए देश के सभी वर्गों के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार करेंगे। इसके अलावा क्षेत्र के सारे देशों विशेषकर भारत के साथ सम्बंधों को मधुर बनाने के हर संभव प्रयास करेंगे। इसके अलावा अपनी भूमि को किसी भी देश के विरुद्ध प्रयोग नहीं होने देंगे।

महमूद मदनी ने कहा कि पूर्व में अफगानिस्तान के साथ हिंदुस्तान के निकटवर्ती सांस्कृतिक सम्बंध रहे हैं। नए अफगानिस्तान के निर्माण व उन्नति में हिंदुस्तान की महत्वपूर्ण भूमिका रही है जिसका जीता-जागता प्रमाण अफगानिस्तान की पार्लियामेंट की आधुनिक इमारत का भारत के जरिए निर्माण कराना है। ऐसी परिस्थितियों में उचित यही है कि दोनों देशों के बीच सम्बंधों की बहाली के लिए गंभीर और ठोस प्रयास जारी रखे जाएं। ताकि पिछले 40 वर्षों से युद्ध व भय के साए में जीवन यापन करने वाले अफगान नागरिक चैन की सांस ले सकें और हर तरह के विदेशी खतरों से सुरक्षित रहें।

बैठक में समाज सुधार, किसानों के आंदोलन और दूसरे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय व सामाजिक विषयों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष पद के लिए देश 21 राज्यों की कार्यकारिणी की तरफ से मौलाना महमूद असद मदनी के पक्ष में प्रस्ताव आया है, जिसे राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने स्वीकृत करते हुए अगले कार्यकाल की अध्यक्षता के लिए मौलाना महमूद मदनी के नाम पर मुहर लगा दी है। इस तरह मौलाना मदनी ने प्रस्तावों पर हस्ताक्षर करके अध्यक्ष के पद का कार्यभार विधिवत संभाल लिया है।


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