भारी बारिश से जामनगर व राजकोट में सड़कें बनी नहरें, नौसेना ने सैकड़ों लोगों को सुरक्षित निकाला

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अहमदाबाद, 15 सितंबर (हि.स.)। गुजरात के जामनगर और राजकोट में पिछले कई दिनों से लगातार भारी बारिश से इलाके की नदियां उफान पर हैं। सड़कों पर काफी पानी भर गया है। शहरों में बाढ़ जैसे हालात बनने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। बाढ़ जैसे हालातों को निपटने के लिए भारतीय वायुसेना, नौसेना और तटरक्षक बल के जवानों को लगाया गया है।

राजकोट और जामनगर जिलों में पिछले दो दिन में भारी बारिश हुई है। बाढ़ में फंसे दो सौ से अधिक लोगों को बचाया गया, जबकि दोनों जिलों में सात हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बाढ़ के चलते जामनगर में एक राष्ट्रीय राजमार्ग के अलावा सौराष्ट्र क्षेत्र के राजकोट, जामनगर और जूनागढ़ जिलों से गुजरने वाले 18 राज्य राजमार्गों पर यातायात प्रभावित हुआ है। भारी बारिश के बाद कई गांवों का संपर्क सड़कों से टूट गया है। एक अधिकारी ने बताया कि फोफल नदी पर बना हुआ एक पुल टूटने से राजकोट जिले में कंडोरना और गोंडल को जोड़ने वाली सड़क पर यातायात बंद हो गया।

भारी बारिश से प्रभावित दोनों जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों की ओर से चलाए जा रहे राहत व बचाव कार्यों में मदद के लिए भारतीय वायुसेना, नौसेना और तटरक्षक बल लगाया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने जामनगर जिले के कई स्थानों में फंसे हुए 22 लोगों को बचाया। जिले में कुल 150 लोगों को बचाया गया। वायुसेना ने राजकोट में भी सात ग्रामीणों को बचाया जबकि जिले में कुल 56 लोगों को बचाया गया है।

जिला प्रशासन के आग्रह पर राजकोट के छपरा गांव के पास लोगों की सहायता के लिए आईएनएस सरदार पटेल से 13 सितंबर 21 को नौसेना डाइविंग टीम भेजी गई थी। इन जवानों ने छपरा गांव में डोंडी बांध

के पुल के पास डूबी एक कार सवार दो लोगों को बचाने का अभियान चलाया। नौसेना ने एक व्यक्ति के शव को निकालने के लिए दस घंटे से अधिक समय तक गोताखोरी अभियान चलाया। जामनगर के जिलाधिकारी सौरभ पारधी ने कहा कि नौसेना और तटरक्षक बल की टीमों ने भी जामनगर प्रशासन को शहर में 150 से 160 लोगों को बचाने में मदद की है।

उल्लेखनीय है कि गुजरात के नवनियुक्त मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने जामनगर जिले के प्रभावित इलाकों का दौरा किया और बाढ़ प्रभावित लोगों को मदद का आश्वासन दिया था। मुख्यमंत्री ने राहत और बचाव कार्यों को लेकर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि पूरे जामनगर जिले में 5,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया और 800 से अधिक फंसे हुए लोगों को बचाया गया।


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