शुभेंदु को हाई कोर्ट से मिला रक्षा कवच, बिना अनुमति के नहीं हो सकेगी गिरफ्तारी

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कोलकाता, 06 सितंबर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायक व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को आज कलकत्ता हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने कहा कि बिना कोर्ट की अनुमति के शुभेंदु की न तो गिरफ्तार होगी और न ही उनके खिलाफ कोई बड़ा कदम उठाया जा सकेगा। अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज करने के लिए कोर्ट की अनुमति लेनी होगी।

दरअसल, 2018 में अंगरक्षक की कथित हत्या के मामले में सीआईडी के नोटिस भेजे जाने के बाद उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी। जिस पर सोमवार को सुनवाई हुई। मंगलवार को कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि बिना न्यायालय की अनुमति शुभेंदु अधिकारी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकेगा और ना ही उनके खिलाफ कोई बड़ा कदम उठाया जा सकेगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर अधिकारी के खिलाफ कोई प्राथमिकी भी दर्ज करनी है तो उसके लिए न्यायालय की अनुमति लेनी होगी। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि शुभेंदु अधिकारी को जांच में सहयोग करना होगा।

मंगलवार को हाई कोर्ट में पांच मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने तीन मामलों में स्थगनादेश जारी कर दिया।सुनवाई के दौरान सुरक्षागार्ड की कथित हत्या मामले में न्यायाधीश राजशेखर महंथा ने राज्य सरकार से सवाल किया कि क्या कोई खास वजह है कि इस मामले की दोबारा जांच होनी चाहिए। महंथा ने कहा कि कई बार गिरफ्तारी का इस्तेमाल असल में बदला लेने के लिए किया जाता है। यह इस देश में नया नहीं है। तीन साल से कुछ नहीं हुआ। मृतक की पत्नी भी नहीं आई और अब अचानक नए सिरे से जांच की मांग की जा रही है। यह चिंताजनक है।

कभी ममता के खास रहे और फिर नंदीग्राम से ममता बनर्जी को हराने वाले शुभेंदु अधिकारी को सीआईडी ने शुभेंदु के सुरक्षागार्ड रहे शुभव्रत चक्रवर्ती की मौत के मामले में सोमवार को तलब किया था। लेकिन वह पेश नहीं हुए।अधिकारी ने सीआईडी कार्यालय को ईमेल भेजकर आज हाजिर होने में असमर्थता जाहिर की थी। इसी मामले में सीआईडी ने उनके ड्राइवर शंभु माइती और उनके एक अन्य करीबी संजीव शुक्ला को सात सितंबर को तलब किया है।


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