02 सितंबर: इतिहास के पन्नों में

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विनाशकारी युद्ध की समाप्तिः 02 सितंबर 1945 का दिन मानव इतिहास के सबसे भीषण युद्धों में एक, द्वितीय विश्वयुद्ध की औपचारिक समाप्ति का दिन है। इसी दिन जापान ने आत्मसमर्पण के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किया।

दूसरे विश्वयुद्ध को हिरोशिमा-नागासाकी पर एटम बम गिराए जाने की त्रासदी के साथ लाखों यहूदियों के नरसंहार के डरावने घटनाक्रमों के लिए याद किया जाता है। दूसरा विश्वयुद्ध 1939-1945 तक चलाए जिसमें 70 देशों की थल-जल और वायु सेनाएं शामिल थीं। दो हिस्सों में बंटे विश्व के राष्ट्र- मित्र राष्ट्र और धुरी राष्ट्र के तहत इस युद्ध में शामिल हुए जो छह साल तक चला।

01 सितंबर 1939 को पोलैंड पर जर्मनी के आक्रमण से इसकी शुरुआत हुई। कहते हैं कि इस विनाशकारी वैश्विक युद्ध ने सात करोड़ लोगों की जान ले ली। ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय सैनिकों को भी मजबूरी में इस युद्ध का हिस्सा बनना पड़ा। तब दुनिया के अलग-अलग मोर्चों पर लड़ते हुए लगभग 24 हजार भारतीय सैनिकों ने अपनी जान दी। यह दुनिया के लिए एक सबक भी है कि युद्ध की विभीषिका किस तरह मानवता के लिए संकट बनी है।

अन्य अहम घटनाएंः

1573ः अकबर की गुजरात पर विजय।

1885ः केरल के प्रसिद्ध समाज सुधारक टी.के. माधवन का जन्म।

1946ः भारत की अंतरिम सरकार का गठन।

1953ः अफगानिस्तान के सैनिक नेता अहमद शाह मसूद का जन्म।

1960ः तिब्बत के इतिहास में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन की संसद का पहला चुनाव।

1970ः कन्याकुमारी में स्वामी विवेकानंद स्मारक शिला का उद्घाटन।

1976ः मराठी भाषा के सुप्रसिद्ध साहित्यकार विष्णु सखाराम खांडेकर का निधन।


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