कोविड वैक्सीनेशन के बाद इस्लामी नेता की मौत से बांग्लादेश चाइनीज वैक्सीन को लेकर संशय
ढाका, 31 अगस्त (हि.स.)। बांग्लादेश में भारत विरोधी गुट के कोविशील्ड वैक्सीन का विरोध होने के बाद सरकार ने चीन से बड़े पैमाने वैक्सीन मंगवाई थी। अब उसी वैक्सीन को लेने वाले कई लोगों के गंभीर रूप से बीमार होने और कुछ की मौत होने से चाइनीज वैक्सीन को लेकर बांग्लादेश में संशय और दहशत का माहौल है। खासकर हेफाजत-ए-इस्लाम बांग्लादेश के नेता अमीर जुनैद बाबुंगारी की मौत के बाद लोगों में चीन की वैक्सीन को लेकर संशय बढ़ गया है।
इससे पहले भारत से बांग्लादेश को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन (कोविशील्ड) की आपूर्ति पर अमीर जुनैद बाबुंगारी सहित हेफाजत-ए-इस्लाम बांग्लादेश के अन्य नेताओं ने विवादास्पद टिप्पणी की थी।बाबुगांरी ने कहा था कि भारत वैक्सीन के नाम पर गंगा का जल भेज रहा है। उन्होंने लोगों से मास्क न लगाने की अपील करते हुए दावा किया था कि कौमी मदरसे में कभी कोरोना नहीं आ सकता। बांग्लादेश के कट्टरपंथी इस्लामी नेताओं ने आरोप लगाया था कि भारतीय टीका लेने के बाद कई लोगों को बुखार सहित गंभीर दुष्प्रभाव हुए हैं।
बांग्लादेश में कोरोना संक्रमण बढ़ने पर कई नेताओं ने गुप्त रूप से टीका लगवा लिया था। बताया गया कि 06 अगस्त को जुनैद बाबुंगारी को बांग्लादेश की व्यावसायिक राजधानी चटगांव में हाटहाजारी उपजिला स्वास्थ्य केंद्र पर चीन निर्मित सिनोफ़ॉर्म का टीका लगाया गया था। टीकाकरण के दिन ही उन्हें बुखार आ गया था।
हाटहाजारी मदरसा के प्रवक्ता और हेफ़ाज़त-ए-इस्लाम बांग्लादेश के पूर्व संयुक्त महासचिव हाफ़िज़ मैनुद्दीन रूही ने समाचार एजेंसी हिन्दुस्थान समाचार के बांग्लादेश संवाददाता को बताया कि बांग्लादेश के हेफ़ाज़त-ए-इस्लाम के अमीर बाबुंगारी उच्च रक्तचाप, मधुमेह और गुर्दे की समस्याओं सहित बुढ़ापे के कारण विभिन्न बीमारियों से पीड़ित थे। टीका लगवाने के बाद उन्हें बुखार आया था। बाद में 18 अगस्त को उनकी हालत बिगड़ गई। अगले दिन उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। डॉक्टरों ने दावा किया था कि उनको स्ट्रोक हुआ था। उनके संगठन ने सरकार से जांच की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि इसी साल 11 अप्रैल को चटगांव के हाटहाजारी मदरसे में जुनैद बाबुंगारी ने कहा था कि जहां कुरान-हदीस का पाठ किया जाता है, जहां छात्र कुरान का पाठ करते हैं, वहां कोरोना नहीं आएगा। उन्होंने कहा था कि ठीक से नमाज़ पढ़ने और उपवास करने वाले मुसलमानों को कोरोना नहीं होगा। अब उनकी मौत के बाद से बांग्लादेश में चीनी टीके को लेकर नई बहस शुरू हो गई है। आलम यह है कि लोग चाइनीज टीका लेने से घबराने लगे हैं।