1965 में जीती सांचू पोस्ट पर बनी दर्शक दीर्घा से देख सकेंगे पाकिस्तानी चौकियां

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बीकानेर, 22 अगस्त (हि.स.)। वर्ष-1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में सांचू पोस्ट पर खाली जमीन देख चले आए पाकिस्तानी रेंजर्स भारतीय सैनिकों से संघर्ष के दौरान वहां से भाग खड़े हुए थे। आज उसी पोस्ट पर बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स [बीएसएफ] ने दर्शक दीर्घा, ओपी टॉवर बनाया है। उसका लोकार्पण बीएसएफ के डीआईजी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ ने किया।

इस मौके पर 114 वीं वाहिनी के कमांडेंट हेमंत कुमार यादव, डीसीजी दीपेंद्र सिंह शेखावत, डिप्टी कमांडेंट प्रताप भाखर, राववाला सरपंच पुन्नू खां सहित अनेक ग्रामीण मौजूद थे। राठौड़ ने बताया कि दूरबीन से तारबंदी के उस पार पड़ोसी मुल्क की पोस्ट और पिलर देखे जा सकते हैं।

यहां आने वाले आगंतुकों को यह सब दर्शकदीर्घा, ओपी टॉवर से दिखाया जाएगा। राठौड़ ने बताया कि यह सांचू सीमा चौकी सामरिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है। सन् 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध से पहले बीकानेर जिले की बॉर्डर बेल्ट में ये सबसे बड़ा गांव था। आरएसी की चौकियां 25 किलोमीटर पीछे बरसलपुर-रणजीतपुरा गांव में थीं। सन् 1965 के युद्ध के दौरान पाकिस्तान सेना और पाक रेंजर्स ने खाली देखकर इस जमीन पर कब्जा कर लिया। पता चलने पर थ्री आरएसी तथा थर्टीन (13) ग्रेनेडियर के जांबाज जवानों ने मिलकर उस समय आरएसी के कम्पनी कमांडर श्याम सुंदर सिंह राठौर के नेतृत्व में हमला किया। भीषण युद्ध में पाकिस्तानी सैनिक भाग खड़े हुए। सन् 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में 12 वीं वाहिनी बीएसएफ तथा 13 ग्रेनेडियर ने मिलकर पाक पोस्ट रनिहाल पर हमला करके उसे अपने कब्जे में लिया था। पाक पोस्ट रनिहाल का भी सामरिक दृष्टि से काफी महत्व है क्योंकि रनिहाल एवं सांचू के अलावा पूरे 130 किलोमीटर के इलाके में कहीं भी मीठा पानी उपलब्ध नहीं है।


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