भारत-अफगानिस्तान के बीच द्विपक्षीय व्यापार होगा प्रभावितः कैट

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नई दिल्ली, 20 अगस्त (हि.स.)। अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे के बाद काबुल और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार बुरी तरह प्रभावित होगा। इससे उपभोक्ताओं की जेब भी ढ़ीली होगी, क्योंकि ड्राई फ्रूट की कीमतें बढ़ने लगी हैं। यह बात देश के आठ करोड़ व्यापारियों के प्रमुख संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने शुक्रवार को कही।

खंडेलवाल ने कहा कि अफगानिस्तान से भारत किशमिश, अखरोट, बादाम, अंजीर, पाइन नट, पिस्ता, सूखे खुबानी और खुबानी, चेरी, तरबूज और औषधीय जड़ी-बूटियों और ताजे फल का आयात करता है। वहीं भारत से अफगानिस्तान को चाय, कॉफी, काली मिर्च, कपास, खिलौने, जूते और अन्य वस्तुओं का निर्यात होता है, जिस पर फिलहाल अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं।

कैट महामंत्री ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के बीच द्विपक्षीय व्यापार साल 2020-21 में 1.40 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था, जबकि साल 2019-20 में 1.52 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कारोबार हुआ था। वहीं भारत से अफगानिस्तान को निर्यात 826 मिलियन अमेरिकी डॉलर का हुआ था, जबकि साल 2020-21 में आयात 510 मिलियन अमेरिकी डॉलर का था।

खंडेलवाल ने कहा कि अफगानिस्तान में राजनीतिक अनिश्चितता के कारण घरेलू बाजार में कीमतें और बढ़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल दोनों देशों के आयात-निर्यात शिपमेंट फंसे हुए हैं, जिससे व्यापारियों को भारी नुकसान होने की आशंका है। उन्होंने घरेलू निर्यातकों को सतर्क रहने की सलाह देते हुए स्थिति पर पैनी नजर रखने की सलाह दी है। खंडेलवाल ने कहा कि भारत से अफगानिस्तान को होने वाला निर्यात पूरी तरह से बंद हो जाएगा, क्योंकि अब समय पर भुगतान की समस्या भी पैदा होगी।


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