2021 में आईपीओ के जरिये फंड रेेजिंग का बन सकता है नया रिकॉर्ड
नई दिल्ली, 19 अगस्त (हि.स.)। भारतीय शेयर बाजार में पिछले एक साल के दौरान आई रिकार्ड तोड़ तेजी ने सेंकेंडरी मार्केट के साथ ही प्राइमरी मार्केट में भी जोश भर दिया है। इसकी वजह से साल 2021 के दौरान भारतीय कंपनियां पहली बार प्राइमरी मार्केट में इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) के जरिए एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का फंड जमा करने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं। इस साल अभी तक 38 कंपनियों ने आईपीओ के जरिए बाजार से 71,800 करोड़ रुपये से अधिक का फंड कलेक्ट किया है।
माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक करीब 25 और कंपनियां अपना आईपीओ लॉन्च कर सकती हैं। शेयर बाजार की मौजूदा तेजी को देखते हुए नए लॉन्च होने वाले ज्यादातर आईपीओ के हाथों हाथ निकल जाने की भी उम्मीद है। इसकी वजह से भारत में शेयर बाजार के इतिहास में पहली बार एक कैलेंडर ईयर में आईपीओ के जरिए कंपनियां एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का फंड इकट्ठा करने में कामयाब हो सकती हैं।
शेयर बाजार के जानकारों का कहना है कि मौजूदा समय में शेयर बाजार में जैसी तेजी बनी है, उस तेजी का फायदा उठाने की कोशिश हर ओर से हो रही है। निवेशक भी इस मौके का फायदा उठाना चाहते हैं तो कंपनियां भी इसी तेजी में अपने आईपीओ लॉन्च करने कोशिश में है, ताकि सफलतापूर्वक फंड रेजिंग की जा सके।
बताया जा रहा है कि बाजार में अभी सारी स्थितियां आईपीओ के लिए अनुकूल बनी हुई हैं। भारतीय बाजार में अभी पर्याप्त मात्रा में नकदी उपलब्ध है। कोरोना की वजह से देश भर के तमाम राज्यों में लगाई गई पाबंदियों में भी काफी हद तक कमी की जा चुकी है, जिसकी वजह से अर्थव्यवस्था में लगातार तेजी आ रही है। और तो और कंपनियों के तिमाही नतीजे भी कमोबेश अच्छे आए हैं। ऐसी स्थिति में बाजार में उत्साह बना हुआ है।
आरबीआई और भारत सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को तेज करने के लिए किए गए प्रोत्साहनकारी कार्यों की वजह से भी शेयर बाजार का सेंटीमेंट हाई बना हुआ है। सेकेंडरी मार्केट की ये तेजी प्राइमरी मार्केट के लिए बूस्टर का काम कर रही है। यही कारण है कि इस साल अभी तक लॉन्च हुए ज्यादातर आईपीओ न केवल ऊंची कीमत पर लिस्ट हुए बल्कि शेयर बाजार में उनका कारोबार भी आम तौर पर बेहतर चल रहा है।
धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी का मानना है कि आईपीओ की लॉन्चिंग करने वाला प्राइमरी मार्केट पूरी तरह से सेकेंडरी मार्केट की चाल पर निर्भर करता है। अगर सेकेंडरी मार्केट में यानी शेयर बाजार में होने वाली दैनिक खरीद बिक्री में तेजी के साथ सकारात्मक माहौल बना रहता है, तो प्राइमरी मार्केट में लॉन्च होने वाले आईपीओ भी हाथों-हाथ निकल जाते हैं। अगर शेयर बाजार के दैनिक कारोबार में मंदी का माहौल बनता है, तो सेकेंडरी मार्केट में बिकवाली बढ़ जाती है और बाजार में नेगेटिव सेंटीमेंट्स बनते हैं। इनका प्रतिकूल असर प्राइवेट मार्केट में आईपीओ की लॉन्चिंग पर भी पड़ता है।
इस साल के अंत तक 25 से 30 कंपनियां अपने आईपीओ लॉन्च कर सकती हैं। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की ओर से अभी तक 36 कंपनियों को आईपीओ लॉन्चिंग की अनुमति मिल चुकी है, जबकि 22 कंपनियों के आईपीओ का प्रपोजल सेबी के पास विचाराधीन है। जानकारों का मानना है कि जितनी कंपनियों को आईपीओ को लॉन्चिंग की अनुमति मिल चुकी है, उनमें से ज्यादातर कंपनियां शेयर बाजार की मौजूदा तेजी का फायदा उठाते हुए जल्द से जल्द अपना आईपीओ लॉन्च करने की कोशिश करेंगी।
बताया जा रहा है कि अगर 25 कंपनियां भी इस साल के अंत तक अपना आईपीओ लॉन्च करती हैं, तो बाजार से एक लाख करोड़ रुपये से लेकर 1.25 लाख करोड़ रुपये तक की राशि इकट्ठा हो सकती है, जो शेयर बाजार के इतिहास में एक नया कीर्तिमान होगा। इसके पहले साल 2017 में आईपीओ के जरिए अधिकतम 75,000 करोड़ रुपये की राशि जुटाई गई थी लेकिन ये रिकॉर्ड अगले दो-तीन आईपीओ की लॉन्चिंग के बाद ही टूट सकता है। क्योंकि 2021 में अभी तक 38 कंपनियां पहले ही आईपीओ के जरिए 71,833.37 करोड़ रुपये इकट्ठा कर चुकी हैं। इसलिए साल 2017 के 75 हजार करोड़ रुपये के रिकॉर्ड का ध्वस्त होना कठिन नहीं है। ऐसे में अब लोगों के लिए यह देखना दिलचस्प होगा कि दिसंबर 2021 तक आईपीओ के जरिए फंड रेजिंग का रिकॉर्ड किस स्तर तक पहुंचता है।