रक्षा मंत्री ने ‘क्लाइम्ब-ए-थॉन’ को झंडी दिखाकर रवाना किया

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टीम ने 16,500 फीट ऊंचाई पर माउंट रेनॉक में 7,500 वर्ग फुट का राष्ट्रीय ध्वज फहराया

 एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है टीम का नाम

 टीम ने 75 घंटे बिना रुके 2.51 लाख बार सूर्य नमस्कार करके भी विश्व रिकॉर्ड बनाया



नई दिल्ली, 17 अगस्त (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को नई दिल्ली में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाने के लिए हिमालय पर्वतारोहण संस्थान (एचएमआई) की ओर से आयोजित ‘क्लाइम्ब-ए-थॉन’ को झंडी दिखाकर रवाना किया। इससे पहले 20-25 अप्रैल को सिक्किम हिमालय की चार छोटी चोटियों पर क्लाइम्ब-ए-थॉन का आयोजन किया गया था। इसमें 125 पर्वतारोहियों की एक टीम ने ग्रुप कैप्टन जय किशन के नेतृत्व में माउंट रेनॉक, माउंट फ्रे, माउंट बीसी रॉय और माउंट पलुंग में चढ़ाई की थी।

चार छोटी चोटियों पर चढ़ाई के दौरान पर्वतारोहियों की टीम ने समुद्र तल से 16,500 फीट ऊंचाई की माउंट रेनॉक चोटी पर 7,500 वर्ग फुट और 75 किलोग्राम वजन का राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। जिस स्थान पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया था, उसका नाम सिक्किम के पहले स्वतंत्रता सेनानी त्रिलोचन पोखरेल के नाम पर रखा गया है, जिसे गांधी पोखरेल के नाम से याद किया जाता है। यह उपलब्धि एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में एक पहाड़ के ऊपर फहराए गए सबसे बड़े भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के रूप में दर्ज की गई थी। पर्वतारोहियों की टीम ने हिमालय पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग में 75 घंटे तक नॉनस्टॉप 2.51 लाख बार सूर्य नमस्कार करके भी विश्व रिकॉर्ड बनाया है।

रक्षा मंत्री ने इस अनूठी पहल के लिए एचएमआई की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से युवाओं में साहस के माध्यम से देशभक्ति को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने टीम को शुभकामनाएं दीं और टीम के लिए भागीदारी का प्रमाण पत्र जारी किया। ग्रुप कैप्टन जय किशन ने बताया कि अब 31 अक्टूबर, 2021 को गुजरात में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सहित देश भर में विभिन्न स्थानों पर राष्ट्रीय ध्वज को प्रदर्शित करने की योजना है। इसके बाद स्वर्णिम विजय दिवस के अवसर पर 16 दिसम्बर, 2021 को नई दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक और साउथ ब्लॉक में राष्ट्रीय ध्वज फहराने की योजना है। अगले स्वतंत्रता दिवस पर 15 अगस्त, 2022 को श्रीनगर में लाल चौक पर, 23 मार्च, 2022 को अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और कन्याकुमारी के बाद जनवरी, 2022 में दक्षिणी ध्रुव की सबसे ऊंची चोटी पर भारतीय ध्वज प्रदर्शित करने की योजना है।


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