नई दिल्ली, 09 अगस्त (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने हरियाणा कांग्रेस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई को अमेरिका जाकर हार्वर्ड युनिवर्सिटी से पीजी कोर्स करने की इजाजत देने के सिंगल बेंच के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि बिश्नोई विदेश जाकर शिक्षा ग्रहण करने के लिए स्वतंत्र हैं।
भव्य बिश्नोई काला धन कानून के तहत आरोपित है। उन पर विदेशों की संपत्तियों का खुलासा नहीं करने का आरोप है। उनके खिलाफ दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में मामला चल रहा है। पिछले चार अगस्त को जस्टिस रेखा पल्ली की सिंगल बेंच ने बिश्नोई को शर्तों के साथ विदेश जाकर पढ़ने की इजाजत दे दी थी।
सोमवार को डिवीजन बेंच ने भव्य बिश्नोई को निर्देश दिया कि वो एक करोड़ रुपये का सिक्योरिटी जमा करें। कोर्ट ने भव्य बिश्नोई के पिता और हरियाणा के विधायक कुलदीप बिश्नोई को निर्देश दिया कि वे कोर्ट में भव्य बिश्नोई का पासपोर्ट सीलबंद लिफाफे में जमा करें। कोर्ट ने भव्य बिश्नोई को निर्देश दिया कि वे अमेरिका पहुंचने पर अपना पासपोर्ट भारतीय दूतावास को सौंप दें। कोर्ट ने निर्देश दिया कि उनका पासपोर्ट अगले आदेश तक भारतीय दूतावास के पास रहेगा।
सुनवाई के दौरान भव्य बिश्नोई की ओर से पेश वकील अनुराग सिंह ने कोर्ट को भरोसा दिया कि भव्य के विधायक पिता कुलदीप बिश्नोई देश छोड़कर तब तक कहीं नहीं जाएंगे जब तक भव्य विदेश में रहेंगे। भव्य को 10 अगस्त को अमेरिका जाना है। उन्होंने कहा कि काला धन कानून के तहत भव्य बिश्नोई की जिन संपत्तियों को लेकर आरोप लगाए गए हैं वो संपत्तियां उनके पास तब से हैं जब वे तीन वर्ष के थे।
सुनवाई के दौरान इनकम टैक्स विभाग के डिप्टी डायरेक्टर की ओर से पेश विभूति मल्होत्रा ने कहा कि अगर बिश्नोई को दो वर्षों के लिए विदेश जाने की इजाजत दी जाती है तो वह अमेरिका का कानूनी निवासी हो जाएंगे और उसके बाद काला धन कानून के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई करना मुश्किल हो जाएगा।