जज की मौत का मामला : सीबीआई ने स्पॉट पर ऑटो के साथ रिक्रिएट किया क्राइम सीन, दोनों आरोपी थे मौजूद
धनबाद, 8 अगस्त (हि. स.)।धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश (अष्टम) संदिग्ध मौत मामले में सीबीआई की टीम घटनाक्रम को समझने के लिए लगातार माथापच्ची कर रही है। रविवार को सीबीआई एक बार फिर रणधीर वर्मा चौक स्थित घटनास्थल पर पहुंची और क्राइम सीन को रिक्रिएट कर घटनाक्रम की बारीकियों को समझने का प्रयास किया। इस दौरान सीबीआई ने घटना में शामिल उस ऑटो को भी मौके पर मंगाया, जिससे एडीजी उत्तम आनंद को धक्का मारी गई थी। इस दौरान दोनों आरोपित भी मौजूद रहे। बता दें कि सीबीआई ने शनिवार को भी मौकाए वारदात पर पहुंच कर क्राइम सीन रिक्रिएट किया था। इस दौरान सीएफएसएल की टीम भी मौजूद थी। सीबीआई ने मौके पर उक्त ऑटो के साथ क्राइम सीन रिक्रिएट किया। सीबीआई ने एडीजी आनंद की ही कदकाठी वाले एक व्यक्ति से मौके पर जॉगिंग करवाया और घटना को समझने का प्रयास किया।
जज को धक्का मारने वाले ऑटो को धनबाद थाना में रखा गया है। यहां से सीबीआइ ने ऑटो को एक मिनी ट्रक पर लाद कर लेकर घटनास्थल पर पहुंची थी। मिनी ट्रक से ऑटो को सड़क पर उतरा गया। धक्का देने का बाद ऑटो चालू हुआ। इसके बाद क्राइम सीन को दोहराया गया। सीबीआइ के साथ आरोपित ऑटो चालक लखन वर्मा और उसका साथी राहुल वर्मा भी माैजूद था। लखन वर्मा ने ऑटो चलाया और सीबीआइ की जांच टीम के एक सदस्य को धक्का मारा।
मामले में जांच कर रही सीबीआई की स्पेशल टीम में बायोलॉजी, डीएनए प्रोफाइलिंग, फोरेंसिक साइकोलॉजी, फिंगर प्रिंट्स और सेरोलॉजी विंग के एक्सपर्ट शामिल है, जो इस मामले की परत दर पर खुलासा करने में जुटे हुए है।
अब तक क्या हुआ
– 28 जुलाई को धनबाद में मॉर्निंग वॉक के दौरान एक ऑटो के टक्कर से जज उत्तम आनंद की मौत हो गई थी। – 29 जुलाई को गिरिडीह और धनबाद से आरोपित गिरफ्तार।
– 29 जुलाई को मामला हाईकोर्ट पहुंचा, कोर्ट ने लगायी फटकार।
– 29 जुलाई को एडीजी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में एसआइटी गठित।
– 29 जुलाई को सीसीटीवी फुटेज में जान बूझकर टक्कर मारने का मिला सबूत।
-30 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने डीजीपी और सीएस से मांगी रिपोर्ट।
-31 जुलाई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सीबीआई जांच की अनुशंसा की।
-04 अगस्त को सीबीआई ने जांच शुरू की।
-05 अगस्त को अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सह सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिखा अग्रवाल की अदालत में आवेदन दायर कर जेल में बंद ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा को पांच दिनों पर रिमांड पर देने की मांग की। अदालत ने दोनों को पांच दिनों के रिमांड पर देने की अनुमति दे दी।
-07 अगस्त को सीबीआई ने टीम घटनास्थल पर ऑटो और जज की डमी की मदद से घटना को रिक्रिएट