नई दिल्ली, 03 अगस्त (हि.स.)। पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में भारत और चीन के बीच सबसे विवादित बिंदुओं में से एक गोगरा इलाके से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटेंगी। यही वह इलाका है, जिसे पेट्रोलिंग प्वाइंट-17ए के नाम से जाना जाता है और यहीं पर चीन ने भारत के गश्ती दल को आगे जाने से रोक रखा है। एलएसी पर पैन्गोंग झील से तो दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट चुकी हैं लेकिन हॉट स्प्रिंग्स के पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 और गोगरा के पेट्रोलिंग प्वाइंट-17ए पर दोनों देशों के सैनिक अभी भी आमने-सामने हैं।
भारत-चीन लगभग एक साल से सैन्य गतिरोध में हैं लेकिन इसी साल फरवरी में सैन्य और राजनीतिक दोनों स्तरों पर व्यापक बातचीत के बाद हुए समझौते के तहत एलएसी के सबसे विवादास्पद पैन्गोंग झील क्षेत्र से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट गईं। इसके बाद 21 फरवरी को 10वें दौर की लगभग 16 घंटे चली वार्ता में पूर्वी लद्दाख के अन्य विवादित क्षेत्रों हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा से भी सैन्य वापसी की प्रक्रिया शुरू करने पर फोकस किया गया। दरअसल, पिछले साल 15/16 जून को गलवान घाटी की हिंसक झड़प के बाद गलवान के पेट्रोलिंग पॉइंट-14 से चीनी सैनिक पीछे हट गए थे लेकिन अभी भी चांग चेनमो नदी के साथ गोगरा के पेट्रोलिंग पॉइंट-17ए और हॉट स्प्रिंग्स एरिया के पेट्रोलिंग-15 में दोनों देशों के सैनिक एक-दूसरे के करीब हैं।
भारत और चीन के बीच 09 अप्रैल को 13 घंटे चली 11वें दौर की सैन्य वार्ता में एलएसी के साथ गोगरा, डेप्सांग और हॉट स्प्रिंग क्षेत्रों से विस्थापन प्रक्रिया पर कोई सहमति नहीं बन पाई। बैठक में भारत ने पूर्वी लद्दाख के डेप्सांग मैदानी इलाकों, गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्रों से सेनाओं के विस्थापन करने पर जोर दिया था लेकिन चीन ने इसे मानने से साफ इनकार कर दिया। इसके लगभग तीन माह बाद 31 जुलाई को नौ घंटे तक चली 12वें दौर की बैठक में दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर में चल रहे सैन्य गतिरोध को हल करने के मुद्दों पर चर्चा की। बैठक में दोनों ही पक्षों ने एलएसी पर तनाव घटाने और 14 महीने से चला आ रहा सैन्य गतिरोध खत्म करने को लेकर बातचीत की। इसी वार्ता में दोनों देश गोगरा के पेट्रोलिंग पॉइंट-17ए से सैनिकों को हटाने पर सहमत हुए हैं।
वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीनी हिस्से मोल्डो में 31 जुलाई को सुबह करीब साढ़े दस से हुई बैठक का साझा बयान 2 अगस्त की शाम को भारतीय रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी किया गया। साझा बयान में कहा गया है कि पूर्वी लद्दाख सेक्टर में चल रहे सैन्य गतिरोध और तनाव घटाने को लेकर विस्तार से चर्चा हुई है। दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर विस्थापन से संबंधित शेष क्षेत्रों के समाधान पर विचारों का स्पष्ट और गहन आदान-प्रदान किया। दोनों पक्ष मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार शेष मुद्दों को शीघ्रता से हल करने, आगे बातचीत और वार्ता की गति को बनाए रखने पर सहमत हुए। दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि वे पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रभावी प्रयास जारी रखेंगे और संयुक्त रूप से शांति बनाए रखेंगे।