अपहरण के मामले में सुसंगत धारा नहीं लगाने पर कोर्ट सख्त

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मधुबनी, 17 जुलाई (हि.स.)। जिला के झंझारपुर व्यवहार न्यायालय में एडीजे प्रथम ने मधुबनी के एसपी, डीएसपी एवं थानाध्यक्ष के विरुद्ध सख्त रुख अख्तियार करते हुए नसीहत दिया है। एडीजे अविनाश कुमार ने भैरवस्थान थाना के अपहरण के एक मामले में पुलिस द्वारा सुसंगत धारा नहीं लगाने के मामले में सख्त टिप्पणी किया है। साथ ही कोर्ट के ई-पोर्टल से राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय को भी पुलिस प्रशासन के विरुद्ध अधिसूचित किया है।

एडीजे ने व्यवहार न्यायालय के एक न्यायाधीश को भी इस मामले में घसीटा है। झंझारपुर व्यवहार न्यायालय के एडीजे ने एसपी के खिलाफ डीजीपी राज्य सरकार व केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। कोर्ट की टिप्पणी में मधुबनी के एसपी डा सत्य प्रकाश को कानून एवं सुसंगत धारा की जानकारी नहीं होने की टिप्पणी की गई है। आईपीएस ट्रेनिंग सेंटर में इन्हें प्रशिक्षण के लिए भेजे जाने की टिप्पणी से पुलिस महकमा स्तब्ध बताया गया है।

डीजीपी को न्यायालय के पत्रांक 361 से केंद्र सरकार को पत्र 362 राज्य सरकार को पत्रांक 363 के तहत बुधवार को एक साथ पत्र जारी किया गया है। सभी पत्र न्यायालय के निजी पोर्टल पर भी स्पष्ट है। भैरवस्थान थाना क्षेत्र की एक महिला ने पुत्री के अपहरण का मामला दर्ज कराया था। अपहरण मामले में बलवीर सदाय, उसके पिता छोटू सदाय और उसकी मां को आरोपित किया गया था।

पुलिस ने धारा को तोड़कर मामला दर्ज किया था। इस केस में एसपी की रिपोर्ट भी आ चुकी है। कोर्ट के अनुसार इसमें बलात्कार, बाल विवाह अधिनियम की धारा अनिवार्य रूप से लगनी चाहिए थी, जिसे पुलिसकर्मियों ने बाहर रखा है। इस सन्दर्भ में मुख्यालय डीएसपी ने बताया कि न्यायालय के आदेश का स्वागत है। पुलिस प्रशासन तत्पर है


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