मुसलमानों को कोरोना वैक्सीनेशन का दिया संदेश इमाम बुखारी ने टीका लगवाकर

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 अल्पसंख्यकों में कोरोना वैक्सीन को लेकर भय और भ्रम को दूर करने का प्रयास



नई दिल्ली, 29 जून (हि.स.)। कोरोना वायरस से बचाव के लिए देशभर में चल रहे हैं वैक्सीनेशन अभियान को धार्मिक नेताओं के जरिए समर्थन दिए जाने का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कोरोना वैक्सीन लगवाकर देश के मुसलमानों को संदेश देने की कोशिश की है कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन लगाना बेहद जरूरी है।
शाही इमाम के पुत्र शाबान बुखारी ने अपने फेसबुक पर अपने और अपने पिता अहमद बुखारी के जरिए वैक्सीन लगवाने वाली एक फोटो शेयर की है। इसमें बताया गया है कि शाही इमाम ने आज कोरोना वायरस से बचाव के लिए बनाए गए वैक्सीनेशन सेंटर में जाकर वैक्सीन लगवाई।
गौरतलब है कि देशभर में इस वक्त कोरोना वायरस महामारी से बचाव के लिए युद्धस्तर पर वैक्सीन लगाने का सिलसिला जारी है लेकिन सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और अल्पसंख्यक समुदाय से सम्बंधित लोगों में इसको लेकर भय और भ्रम की स्थिति पाई जा रही है। अल्पसंख्यक समुदाय खासतौर पर मुसलमानों में वैक्सीन के हराम-हलाल को लेकर भ्रम पैदा करने की कोशिश की जा रही है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने अल्पसंख्यकों में व्याप्त भय और भ्रम की स्थिति को दूर करने के लिए ‘जान है तो जहान है’ कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के तहत वैक्सीन लगाने से प्रेरित करने वाली धर्मगुरुओं की छोटी-छोटी वीडियो क्लिप का प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया पर किया जा रहा है। अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों में इन वीडियो क्लिप के माध्यम से धर्मगुरुओं के जरिए अपने-अपने समुदाय से वैक्सीन लगाने की अपील की जा रही है। जामा मस्जिद के शाही इमाम भी इस मुहिम का का हिस्सा हैं। उनके जरिए भी मुसलमानों से कोरोना वायरस से सुरक्षित रहने के लिए वैक्सीन लगाने की अपील की जा रही है।

 


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