28 जून इतिहास के पन्नों में

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जुल्मों भरा जूनः भारतीय राजनीतिक इतिहास में जून का महीना आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी की सरकार द्वारा किये गए जुल्मों के लिए याद किया जाता है। आपातकाल लागू होने के दो दिनों के भीतर आम राजनीतिक विरोधियों और आंदोलनकारी गतिविधियों पर सख्त पहरा लगा दिया गया। पहले दिन से ही बड़े स्तर पर गिरफ्तारियां जारी थीं जो और भी तेज होने लगी। लेकिन 28 जून को प्रेस पर सबसे कठोर सेंसरशिप लागू कर दिया गया। ब्रिटिश शासन के बाद पहली बार प्रेस पर इतना सख्त प्रतिबंध लगाया गया था।
समाचार पत्रों में प्रकाशित सामग्रियों को सेंसर किया जाने लगा और समाचार पत्र प्रकाशित किये जाने से पूर्व सरकार की अनुमति की शर्त थोप दी गयी। इन अलोकतांत्रिक कार्रवाइयों के खिलाफ ‘इंडियन एक्सप्रेस’ ने अपने संपादकीय की निर्धारित जगह को खाली छोड़कर अपना विरोध जताया। कुछ सम्पादकों ने सरकार के खिलाफ एकजुट होकर प्रदर्शन किया। लेकिन इंदिरा गांधी की सरकार के जुल्म बढ़ते गए।
आपातकाल के दौरान 3801 समाचार पत्रों के डिक्लेरेशन जब्त किये गए। 327 पत्रकारों को मीसा के तहत जेल में बंद कर दिया गया। 290 अखबारों के विज्ञापन बंद कर दिये गए जिसके बाद उन अखबारों की असमय मौत हो गयी लेकिन वे सरकार के सामने झुके नहीं। हालत इतनी खराब हो गयी कि टाइम और गार्जियन जैसे समाचार प्रतिनिधियों को भारत से जाने के लिए कह दिया गया। रॉयटर सहित कई अन्य समाचार संस्थानों के टेलेक्स और टेलिफोन काट दिये गए।
अन्य अहम घटनाएंः
1787ः ब्रिटिश-भारतीय सेना की अगुवाई करने वाले सर हेनरी जी.डब्लू. स्मिथ का जन्म।
1838ः विक्टोरिया इंग्लैंड की महारानी बनीं।
1846ः एडोल्फ सैक्स ने वाद्ययंत्र सेक्सोफोन को पेटेंट कराया।
1857ः नाना साहेब ने बिठूर में स्वयं को पेशवा घोषित कर अंग्रेजी साम्राज्य को भारत से उखाड़ फेंकने का आह्वान किया।
1919ः वारसा की संधि पर हस्ताक्षर।
1821ः भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव का जन्म।
1940ः बांग्लादेशी अर्थशास्त्री व नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मोहम्मद युनुस का जन्म।
1995ः बाघों को शिकारियों से बचाने व उनके संरक्षण के लिए मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट घोषित किया गया।
1996ः भारत ने फिलिस्तीन के नियंत्रण वाले गाजा सिटी में अपना मिशन खोला।

 


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