रेलवे के लिए गौरव की बात राष्ट्रपति का प्रेसिडेंशियल ट्रेन से सफर करना

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पन्द्रह वर्षों के बाद भारतीय रेलवे से किसी दौरे पर जाने के लिए ट्रेन को गया चुना 

राष्ट्रपति के दौरे ने इतिहास के पन्नों में दर्ज किया कानपुर सेन्ट्रल स्टेशन का नाम 



कानपुर, 26 जून (हि.स.)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शुक्रवार को एक विशेष प्रेसिडेंटियल ट्रेन से दिल्ली से उत्तर प्रदेश के कानपुर और लखनऊ के दौरे के लिए पहुंचे। उनका सपत्नीक विशेष ट्रेन से सफर किया जाना रेलवे के लिए बड़ा कीर्तिमान बन गया है। इसको लेकर भारतीय रेल की देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी काफी चर्चा है और आने वाले दिनों में यात्रियों के सफर के प्रति और सुरक्षित व विश्वास को भी बल देने वाला साबित होगा।
दरअसल, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज से पांच दिवसीय दौरे पर उत्तर प्रदेश के कानपुर व लखनऊ आये हैं। उनके कार्यकाल में यह पहला मौका है, जब वह अपने पैतृक गांव परौंख जाएंगे। इस पांच दिवसीय यात्रा के लिए उन्होंने प्रेसिडेंटियल ट्रेन को चुना। अपने दौरे के लिए राष्ट्रपति दिल्ली के सफदरगंज स्टेशन से कानपुर सेन्ट्रल स्टेशन करीब रात्रि 08:05 बजे पहुंचे। इस दौरान प्रेसिडेंटियल ट्रेन झींझक व रूरा स्टेशनों पर दो रुकी थी।
राष्ट्रपति के दिल्ली से उनके पैतृक गांव जाने के लिए विशेष रेलगाड़ी चलाई गई। यह कदम उन रेलकर्मियों के लिए एक बड़ा मनोबल बढ़ाने वाला है, जिन्होंने महामारी के समय में लगन से अपनी सेवाएं दी हैं। इससे लोगों को व्यापार, पर्यटन और अन्य उद्देश्यों के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में यात्रा के लिए ट्रेनों का उपयोग करने को प्रोत्साहित करने के साथ ही विश्वास बढ़ाया है।
महाप्रबंधक एनसीआर वी.के. त्रिपाठी ने प्रेसिडेंटियल ट्रेन के झींझक स्टेशन पहुंचने पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत किया। इसके बाद ट्रेन रूरा स्टेशन पहुंची। रूरा में कुछ देर रुकने के बाद राष्ट्रपति कानपुर के लिए रवाना हो गए। प्रेसिडेंशियल ट्रेन 08:05 बजे कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंची जहां राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित मंत्री, सांसद व विधायकों ने रेलवे और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति की ट्रेन यात्रा के दौरान सुनीत शर्मा, सीईओ और सीआरबी रेलवे बोर्ड उनके साथ मौजूद रहे। कानपुर सेंट्रल पहुंचने के बाद राष्ट्रपति अपने आगे के कार्यक्रम के लिए रवाना हो गए।
इस दौरान जीएम एनसीआर वी.के. त्रिपाठी ने झींझक और रूरा के कार्यक्रम अनुक्रम में राष्ट्रपति की आमजन के प्रति गहरी चिंता और 15 वर्षों के अंतराल के बाद “आम जन के परिवहन” को चुनने के लिए बोलते हुए उन्हें ‘जनता का राष्ट्रपति’ कहा।

 


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