नई दिल्ली, 05 जून (हि.स.) । वायुसेना ने चीन सीमा से लगे उत्तराखंड के चौखुटिया इलाके में एक फॉरवर्ड एयरबेस की स्थापना को मंजूरी दे दी है। इससे संकट के समय सैनिकों और उपकरणों को तेजी से जुटाने में मदद मिलेगी। चीन सीमा से 120 किमी . से भी कम दूरी पर इस एयरबेस पर लगभग 2.5 किमी लंबा रनवे बनाना जाएगा। वायुसेना ने यह मंजूरी इसी हफ्ते चौखुटिया इलाके में अपनी एक टीम भेजकर इलाके का सर्वेक्षण कराने के बाद दी है। इस आंतरिक रिपोर्ट में कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर चौखुटिया फॉरवर्ड एयरबेस से चीन के खिलाफ सैन्य कार्यवाही को तेजी के साथ अंजाम दिया जा सकेगा।
उत्तराखंड में करीब 345 किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा है। बॉर्डर से सटा कुमाऊं का इलाका सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। पूर्वी लद्दाख की सीमा पर पिछले साल मई में माहौल गर्म होने के बाद उत्तराखंड सरकार ने रक्षा मंत्रालय को वायुसेना के लिए राज्य में चमोली, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ इलाके में 3 आधुनिक हवाई पट्टी बनाने के सुझाव दिए थे। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने चमोली के गोचर में, उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड और पिथौरागढ़ के चौखुटिया में एयर स्ट्रिप बनाने के लिए मंजूरी दी थी। यह तीनों जिले भारत-चीन सीमा के बेहद करीब हैं। मंजूरी मिलने के बाद वायुसेना ने चौखुटिया इलाके में फॉरवर्ड एयरबेस की स्थापना के लिए अपने प्रयास तेज किये। इसी क्रम में फाइटर जेट पिथौरागढ़ से सटी भारत-चीन सीमा के इलाके में उड़ान भरकर कई बार हालात का जायजा ले चुके हैं।
गैरसैंण के ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने के बाद भाजपा की सरकार ने भी इस योजना को अधिक प्राथमिकता दी है। प्रदेश सरकार ने पिछले साल अपने सालाना बजट में चौखुटिया फॉरवर्ड एयरबेस की स्थापना के लिए 20 करोड़ का प्रावधान किया था। चौखुटिया में कुछ मकानों को भी हटाना पड़ा है जिसके एवज में मकान मालिकों को मुआवजा दिया गया है। पिछले एक वर्ष में लोक निर्माण विभाग और राजस्व टीम ने प्रस्तावित भूमि की नाप जोख सीमांकन का काम किया है। इसके बाद एयरफोर्स की तकनीकी टीम कई बार हवाई सर्वे कर चुकी है। इसी साल फरवरी माह में कुमाऊं कमिश्नर स्थलीय निरीक्षण करके ग्रामीणों से प्रस्तावित जमीन के बारे में बातचीत करके उनकी नाराजगी दूर कर चुके हैं। जमीन का मुद्दा सुलझने के बाद वायुसेना ने फाइनल तौर पर जमीनी सर्वे करने के लिए 03 जून को एक टीम चौखुटिया भेजी थी।