रायपुर, 24 मई (हि.स.)। टूलकिट मामले में सोमवार को दोपहर बाद पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से उनके वीआईपी रोड स्थित मौलश्री विहार बंगले पर पहुंचकर पूछताछ की। पुलिस अधिकारियों ने 10 से 15 मिनट तक पूछताछ में रमन सिंह के ट्विटर अकाउंट के बारे में जानकारी ली और दस्तावेज के बारे में पूछा।
डॉ. रमन सिंह से पूछताछ करने सीएसपी नासिर सिद्दिकी, टीआई आरके मिश्रा और एसआई मनीष वाजपेयी पहुंचे थे। तेलीबांधा और मौदहापारा थाना के टीआई भी पूछताछ टीम में शामिल थे। पूछताछ के दौरान बंगले पर बृजमोहन अग्रवाल और राजेश मूणत समेत बड़ी संख्या में नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे। भाजपा सूत्रों के अनुसार पुलिस अधिकारियों ने डॉ. रमन सिंह से 10 से 15 मिनट तक पूछताछ की। पुलिस सूत्रों के अनुसार अधिकारी प्रश्नों की सूची तैयार करके ले गए थे। उन्होंने डॉ रमन सिंह के ट्विटर अकाउंट के बारे में जानकारी ली और दस्तावेज के बारे में पूछा। पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने ट्विटर पर दस्तावेज कॉपी पेस्ट करके लगाया है। उन्होंने अपना ट्विटर एक्सेस निजी बताकर देने से इनकार कर दिया। उन्होंने पहले से तैयार अपने जवाबों को पुलिस के हवाले कर दिया जिसे लेकर पुलिस वापस लौट गई।
इसके पूर्व छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फेंस कर कांग्रेस करके भूपेश सरकार पर निशाना साधा। रमन सिंह ने कहा कि राज्य सरकार झूठे मामले बनाकर एफआईआर कर रही है। मामले का संचालन सिविल लाइन थाने से नहीं बल्कि कांग्रेस कार्यालय से मुख्यमंत्री के इशारे से हो रहा है। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन सोनिया और राहुल गांधी के इशारे पर कार्रवाई कर रहा है। संबित पात्रा ने गांधी परिवार के खिलाफ तथ्यात्मक मुद्दे उठाए हैं। इस मुद्दे को लेकर हम सड़क से कोर्ट तक जाएंगे।
डॉ. सिंह ने आगे कहा कि संबित पात्रा को कोर्ट से न्याय मिला है। ये सभी मामले राजनीति से प्रेरित हैं, कोर्ट में मामला आते ही सभी खारिज कर दिए जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि इस केस को पुलिस नहीं कांग्रेस कार्यालय से डील किया जा रहा है। मुझे मिले नोटिस की कॉपी को सार्वजनिक करने का अपराध कांग्रेस ने किया है। कांग्रेस ने बौखलाहट में एफआईआर दर्ज कराई है। देश और पीएम की छवि धूमिल की साजिश का हमने पर्दाफाश किया है। घटना से मेरा मन व्यथित हुआ इसलिये जनता को बताया। डॉॅ. रमन ने कहा कि एफआईआर में लगाई गई धाराएं हास्यास्पद हैं। हम न्यायालय में जाएंगे और अपनी बात को मजबूती से रखेंगे।