भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि प्रदेश में क्रूर हिंसक नक्सली नित्य खून की होली खेल रहे हैं। प्रदेश सरकार नक्सली उन्मूलन के नाम पर पिछले दो साल से सिर्फ जुबानी जमा-खर्च कर रही है। प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के शासनकाल में नक्सली वारदातों पर अंकुश लगा था, जिसपर आगे बढ़ने के बजाय प्रदेश की मौजूदा कांग्रेस सरकार ने प्रदेश को फिर लाल आतंक के शिकंजे में कस दिया है। साय ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने कार्यकाल में नक्सली उन्मूलन की किसी ठोस नीति का खाका तक तैयार नहीं किया है और नक्सली उन्मूलन के नाम पर केंद्र सरकार को चिठ्ठियाँ लिखकर अपनी ज़िम्मेदारी से भाग रहे हैं। भाजपा शुरू से नक्सली उन्मूलन के लिए एक समन्वित रणनीति पर काम करने पर जोर देती रही है, लेकिन प्रदेश सरकार इस दिशा में कोई पहल नहीं कर रही है। साय ने कहा कि प्रदेश में जबसे कांग्रेस की सरकार आई है, नक्सली इसे ‘अपनी सरकार’ बता रहे हैं और नित्य निरपराध लोगों, आदिवासियों, शासकीय अधिकारियों-कर्मियों और नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों का खून बहा रहे हैं। नक्सलियों के खिलाफ कोई ठोस एक्शन लेने के बजाय प्रदेश सरकार नक्सलियों के खिलाफ नीति विहीन नजर आ रही है और यही कारण है कि बस्तर में लगभग खत्म हो चली नक्सली वारदातों में एकाएक इजाफा हो रहा है। साय ने शहीद जवानों के परिजनों तत्काल पर्याप्त आर्थिक सहायता प्रदान करने और उन परिवारों के किसी एक सदस्य को शासकीय सेवा में नियुक्त करने की मांग की है।