चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिहार में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलेगी

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अखिल भारतीय सेवाओं के कर्मियों के समान मिलेगी सुविधा



पटना, 26 मार्च (हि.स.)। बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने शुक्रवार को कहा कि सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के घर बच्चे के जन्म लेने पर विभाग की ओर से चिकित्सा प्रतिपूर्ति मिलेगी।सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सरकार की ओर से मिलने वाली यह सहायता प्रथम दो संतानों तक ही सीमित होगी।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रसव एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, फिर भी प्रसव के दौरान कुशल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जाती है तो मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी आती है। साथ ही माता एवं शिशु के स्वास्थ्य में भी वृद्धि होती है। लिहाजा राज्य सरकार ने यह फैसला किया है।

मंगल पाण्डेय ने कहा कि बिहार उपचार नियमावली के नियम 26 के अनुसार राज्य सरकार को यह शक्ति है कि वह किसी भी व्यक्ति को, जो इस नियमावली के अधीन उपचार या इलाज के लिए प्राधिकृत नहीं है, उसके लिए उपचार की सुविधा प्रदान करे।

उन्होंने कहा कि अच्छी बात यह है कि चाहे बच्चे का जन्म नॉर्मल डिलेवरी से हो या फिर सीजेरियन, दोनों स्थितियों में सरकारी कर्मियों को विभाग की ओर से चिकित्सा प्रतिपूर्ति मिलेगी। इस संबंध में विभाग की ओर से प्रदेश के सभी जिलाधिकारी, मेडिकल कॅलेज अस्पताल के अधीक्षक और सिविल सर्जन को पत्र लिखकर निर्देश का पालन करने को कहा गया है।

मंत्री ने कहा कि वर्तमान में अखिल भारतीय सेवाओं के कर्मियों और कई राज्य सरकार अपने कर्मियों को सामान्य प्रसव एवं सिजेरियन प्रसव के लिए मेडिक्लेम आधारित सुविधा उपलब्ध कराते हैं। अब बिहार सरकार भी यह सुविधा अपने सरकारी कर्मियों और अधिकारियों को उपलब्ध कराएगी।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश की आम जनता के साथ सरकारी अधिकार और कर्मचारी भी सुरक्षित प्रसव को लेकर जागरूक बनें। इस बाबत स्वास्थ्य विभाग ने यह खास पहल की है।

 


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