विकास कार्यों में राजनीति द्वेष ठीक नहीं बिहार दिवस पर चिराग ने सीएम को कहा

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पटना, 22 मार्च(हि.स)। बिहार के 109वीं वर्षगांठ  पर सोमवार को लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने राज्य की जनता को बधाई दी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर निशाना साधा है।  चिराग पासवान ने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि उनके संसदीय क्षेत्र जमुई में 500 बेड वाले एक मेडिकल कॉलेज को बनाया जाना था। इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से 3 साल पहले अनुमति दे दी गई थी लेकिन, नीतीश सरकार ने अब तक रोड़ा अटका रखा है, मेडिकल कॉलेज बनने नहीं दे रही है।

बिहार सरकार को निकालना था टेंडर

जमुई में 450 करोड़ की लागत से मेडिकल कॉलेज का निर्माण होना था लेकिन पिछले तीन सालों से इसको लेकर कोई काम नहीं हुआ। मेडिकल कॉलेज के लिए बिहार सरकार को टेंडर जारी करने की जिम्मेवारी मिली थी। जो अब तक नहीं हुआ। राज्य सरकार कोई न कोई वजह लगाकर रोड़ा अटका रही है। जमुई में मेडिकल कॉलेज बनने पर आसपास के कई जिलों के लोगों को बड़ी राहत मिलती। गंभीर बीमारियों का इलाज लोग वहां करा पाते। इसकी सौगात जमुई की जनता को कब मिलेगी? इस बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है।

सीएम पर राजनैतिक दुश्मनी निकालने का आरोप

मेडिकल कॉलेज को लेकर चिराग पासवान ने सीएम नीतीश कुमार पर राजनैतिक दुश्मनी निकालने का आरोप लगाया है। सोशल मीडिया पर कई पोस्ट कर उन्होंने नीतीश सरकार पर भड़ास निकाली है। जमुई सांसद ने अपने पोस्ट में लिखा है कि बिहार सरकार के वर्तमान मुखिया जी को भी पत्र लिख कर अवगत करवा चुका हूं लेकिन अफ़सोस कोई पहल नहीं हुई। रात के 1:08 बजे बिहार दिवस के लिए चिंतित बिहार प्रदेश के मुखिया जी से अपेक्षा है कि अगले साल बिहार दिवस आने से पहले यह विकास कार्य शुरू हो जाए। विकास कार्यों में राजनैतिक द्वेष नहीं दिखनी चाहिए।

शिक्षा व्यवस्था पर उठाए सवाल

सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट के जरिए चिराग ने यह भी कहा कि हम सब सोमवार को जब बिहार की 109 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं तो बिहार विकास के नए मानदंड स्थापित करे, यही अपेक्षा करते हैं। बिहार दिवस के दिन यह लिखते हुए दुख हो रहा है कि बिहार में शिक्षा का स्तर इतना नीचे गिर गया है कि कोई भी सक्षम बिहारी अपने बच्चों को बिहार में नहीं पढ़ाना चाहता। एक ऐसी व्यवस्था बनती चाहिए, जिसके बाद हम सब सिर्फ बिहार के अतीत पर ही नहीं, बल्कि वर्तमान पर भी गर्व कर सकें। खेद के साथ यह भी बताना चाहूंगा कि कई मौके पर केंद्र सरकार ने भी बिहार की मदद करनी चाही है। लेकिन बिहार के सिस्टम ने उसके पैरों में भी जंजीरे लगा दी है।


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