मुंबई, 20 मार्च (हि.स.)। मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये हर महीने वसूलने का लक्ष्य सचिन वाझे को देने का आरोप लगाया है। पत्र में परमबीर सिंह ने तारीखवार घटनाक्रम भी लिखा है। इस पत्र के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आक्रामक हो गई है। भाजपा ने मामले की गहन जांच की मांग की है। गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि एंटिलिया मामले की जांच धीरे-धीरे परमबीर सिंह तक बढ़ रही है। इसी वजह से परमबीर सिंह ने इस तरह का बेबुनियाद आरोप लगाया है।
परमबीर सिंह ने शनिवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेजे गए 8 पेज के पत्र में लिखा है कि सचिन वाझे व एक अन्य सहायक पुलिस निरीक्षक ने उनसे मिलकर कई जानकारी दी थी। इस जानकारी के अनुसार गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाझे को हर महीने 100 करोड़ रुपये उनके शासकीय निवास ज्ञानेश्वरी पर पहुंचाने का लक्ष्य दिया था। इसी वजह से सचिन वाझे मुंबई के 1750 होटलों और रेस्टोरेंट से वसूली किया करते थे। परमबीर सिंह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र भेजने के बाद यह पत्र राज्यपाल, मुख्य सचिव और गृहविभाग के अतिरिक्त सचिव को भी भेजा है।
पूर्व मंत्री व भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि यह मामला गंभीर है। इस मामले की गहन जांच की जानी चाहिए। मुनगंटीवार ने कहा कि इस तरह का आरोप इससे पहले कभी गृहमंत्री पर नहीं लगा था। इससे राज्य सरकार की बदनामी हुई है। विधानपरिषद के नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर ने कहा कि इस मामले की गहन जांच की जानी चाहिए। भाजपा उपाध्यक्ष डॉ. किरीट सोमैया ने कहा कि इस मामले में गृहमंत्री को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने कहा कि परमबीर सिंह ने जो आरोप लगाया है, इससे तत्काल गृहमंत्री का इस्तीफा लिया जाना चाहिए और मामले की जांच की जानी चाहिए। भातखलकर ने कहा कि एक जिम्मेदार पद पर रहते हुए परमबीर सिंह ने यह मामला इतने दिनों तक छिपाए रखा, इसलिए उन पर भी मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता विद्या चव्हाण ने कहा कि परमबीर सिंह का आरोप भाजपा की साजिश का हिस्सा होने के साथ साथ हास्यास्पद भी है। विद्या चव्हाण ने कहा कि तबादले के एक ही दिन बाद गृहमंत्री पर 100 करोड़ रुपये वसूली का आरोप लगाया है। यह भाजपा की साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि परमबीर सिंह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस के नजदीकी रहे हैं । उन्हें भाजपा की ओर से केंद्र में किसी बड़े पद का लालच दिया गया है, इसी वजह से परमबीर सिंह ने इस तरह का पत्र लिखा है। इसकी जांच की जाएगी और सच्चाई जल्द लोगों के सामने आएगी।