मुसलमानों का हुआ मोह भंग दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी से

0

नगर निगम उपचुनाव में मुस्लिम बाहुल्य चौहान बांगर वार्ड में मिली करारी हार मरकज तबलीगी जमात और संप्रदायिक दंगों पर पार्टी की खामोशी से मुस्लिम मतदाता नाराज



नई दिल्ली, 03 मार्च (हि.स.)। दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी से मुसलमानों का मोह भंग होता जा रहा है। इसका जीता-जागता सबूत पर आज सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र के चौहान बांगर निगम वार्ड के उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी जुबेर अहमद की जीत है। इस उपचुनाव को जीतने के लिए आम आदमी पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी थी। यहां तक कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने क्षेत्र में रोड शो भी किया। इसके बावजूद आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी हाजी मोहम्मद इशराक को बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि दिल्ली में चार और निगम वार्ड में हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी को जीत हासिल हुई है और यहां पर भारतीय जनता पार्टी दूसरे नंबर पर रही है लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि इन चारों वार्डों में मुस्लिम मतदाताओं का प्रतिशत काफी कम है।
सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र के चौहान बांगर वार्ड का उपचुनाव आम आदमी पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गया था। मुस्लिम बाहुल्य इस वार्ड में होने वाला उपचुनाव सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के लिए काफी चुनौतीपूर्ण हो गया था। कोरोनाकाल में हजरत निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के दफ्तर पर ताला लगाने, पिछले साल उत्तर पूर्वी जिला में होने वाले सांप्रदायिक दंगों के दौरान पार्टी की संदिग्ध भूमिका को देखते हुए मुसलमानों में काफी नाराजगी पाई जा रही थी। इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने इन्हीं सब मुद्दों को भुनाने की कोशिश की है और कांग्रेस पार्टी की तरफ से यह बताने का प्रयास किया गया कि आम आदमी पार्टी मुसलमानों की हितैषी नहीं है।
कांग्रेस पार्टी ने इस पूरे चुनाव अभियान में चौहान बांगर वार्ड में आम आदमी पार्टी के जरिए किए जा रहे मुस्लिम विरोधी कामों को उजागर करने का प्रयास किया था। चुनाव के दौरान दिल्ली उर्दू अकादमी का पुनर्गठन किया गया और उसका उपाध्यक्ष एक ऐसे व्यक्ति को बनाया गया जिसका कथित तौर पर उर्दू भाषा से कोई लेना-देना नहीं है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को भी काफी हवा देने का काम किया। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने अपने कद्दावर मुस्लिम नेताओं की पूरी टीम यहां पर उतार रखी थी मगर इसने भी कोई खास असर यहां के मतदाताओं पर नहीं छोड़ा है। इस चुनाव में आप को मिली हार ने दिल्ली सरकार में मंत्री इमरान हुसैन, दिल्ली वक्फ बोर्ड अध्यक्ष अमानतउल्लाह खान और  विधायक अब्दुल रहमान की प्रतिष्ठा दांव पर लग गई है क्योंकि इन सभी लोगों ने पार्टी की जीत के लिए आला नेतृत्व को पूरा भरोसा दिलाया था।

 


प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *