आधुनिक बिहार के निर्माता डॉ. श्रीकृष्ण सिंह श्रद्धापूर्वक याद किए गए

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बेगूसराय, 31 जनवरी (हि.स.)।आधुनिक बिहार के निर्माता, आजादी से पूर्व गठित अंतरिम सरकार में बिहार के प्रधानमंत्री और आजादी के बाद बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री बने बिहार केसरी डॉ. श्रीकृष्ण सिंह को रविवार को उनकी 61 वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धापूर्वक याद किया गया। बेगूसराय के सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पुण्यतिथि के अवसर पर उन्हें नमन किया है। इसके साथ ही गिरिराज सिंह ने अपने सोशल मीडिया पर 2016 में भारत सरकार द्वारा डॉ. श्रीकृष्ण सिंह की स्मृति में जारी किए गए डाक टिकट को भी शेयर किया है। इस मौके पर जिला प्रशासन के अलावा विभिन्न संगठनों द्वारा भी विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए।
जिला प्रशासन द्वारा श्रीकृष्ण इंडोर स्टेडियम एवं समाहरणालय परिसर स्थित कारगिल विजय सभा भवन में स्मृति समारोह आयोजित किया गया। जहां कि प्रभारी डीएम मो. बलागउद्दीन, नगर विधायक कुंदन कुमार एवं विधान पार्षद सर्वेश कुमार समेत अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों ने श्रीबाबू के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। वहीं, नगर निगम चौक पर स्थापित प्रतिमा पर सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों एवं जनप्रतिनिधियों ने माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। इस दौरान वक्ताओं ने उनके कृतित्व और व्यक्तित्व पर भी विस्तार से चर्चा की। वक्ताओं ने कहा कि डॉ. श्रीकृष्ण सिंह की जन्मभूमि भले ही मुंगेर में था, लेकिन उनकी कर्मभूमि हमेशा से बेगूसराय रहा। आजादी के पहले बेगूसराय के लोगों के लिए जहां उन्होंने संघर्ष किया, वहीं आजादी के बाद इसे बिहार की औद्योगिक राजधानी बनाया।
बरौनी में स्थापित आजाद भारत की सबसे पहली रिफाइनरी, बरौनी खाद कारखाना, बरौनी डेयरी, थर्मल, बेगूसराय से गुजरने वाला दो एनएच, गंगा नदी पर सबसे पहला रेल-सह-सड़क पुल उनके आधारभूत संरचना विकास संबंधी कदम की कहानी कह रहा है। उन्होंने सिर्फ बेगूसराय ही नहीं पूरे बिहार के लिए जो किया वह शायद और किसी ने आज तक नहीं की। पूरे बिहार को उन्होंने आधुनिक बिहार के रूप में देश में स्थापित किया। एशिया का सबसे बड़ा इंजीनियरिंग कारखाना-एचईसी हटिया, भारत का सबसे बड़ा स्टील प्लांट-सेल बोकारो, बिहार- भागलपुर और रांची विश्वविद्यालय, रांची वेटरनरी कॉलेज, लोक रंगशाला रविंद्र भवन पटना, डालमियानगर इंडस्ट्रीज, दामोदर वैली कॉरपोरेशन, मैथन और कोसी डैम, कोशी-गंडक-कमला और चानन नदी घाटी परियोजना, पतरातू थर्मल पावर स्टेशन, सिंदरी फर्टिलाइजर, पूसा एवं सबौर एग्रीकल्चर कॉलेज, एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल इंडस्ट्रीज आदि बिहार केसरी डॉ. श्रीकृष्ण सिंह की ही देन है।

 


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