राजद के वरिष्ठ नेता सीताराम यादव समेत दस लोगों ने थामा भाजपा का दामन

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पटना, 27 जनवरी (हि.स.)।बिहार की राजनीति में अपना रसूख रखने वाले कई चेहरों ने आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता ग्रहण की।प्रदेश भाजपा कार्यालय में बिहार प्रभारी सह-महामंत्री भूपेन्द्र यादव, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय और प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल तथा राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी की उपस्थिति में मिलन समारोह का आयोजन किया गया। इस मिलन समारोह में राजद के वरिष्ठ नेता पूर्व सांसद सीताराम यादव, पूर्व विधायक नगीना देवी के अलावा पटना की डिप्टी मेयर मीरा देवी, पटना साहिब से पूर्व प्रत्याशी संतोष मेहता समेत 10 बड़े लोगों ने भाजपा का दामन थाम लिया।

इस मौके पर बिहार भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र को परिवारवाद और माओवादियों  पार्टियों से ख़तरा है। देश के विपक्षी दल भरोसे के संकट से जूझ रहे हैं। जनता का भरोसा तो वे गंवा ही चुके हैं, अब अपनी पार्टी के नेताओं व कार्यकताओं का भी भरोसा खो रहे हैं। वंशवादी और परिवारवादी राजनीति का यही हश्र है।

भूपेंद्र यादव ने कहा कि अगर राजद, कांग्रेस सहित अन्य दलों के नेता उन्हें छोड़कर भाजपा के साथ जा रहे हैं तो इसका सीधा मतलब है कि उनका अपने नेतृत्व की कार्यशैली पर भरोसा नहीं है। उन्हें भरोसेमंद नेतृत्व चाहिए, जो भाजपा देश को दे रही है। नीति, नीयत व नेतृत्व विहीन दलों से लोगों का मोहभंग होना स्वाभाविक है।

उन्होंने कहा कि राजद ने हमेशा वोटबैंक की राजनीति की और  उसी वोटबैंक से छलावा किया। कांग्रेस ने भी वोटबैंक की राजनीति की और परिवार के अलावा किसी की तरफ देखा भी नहीं। राजद -कांग्रेस की आंखों पर परिवारवाद का ऐसा पर्दा चढ़ा है कि उन्हें बेटा-बेटी के अलावा कुछ दिखता ही नहीं। कौन जनता, कैसी जनता! लोकतंत्र की रक्षा के लिए भाजपा में आने वालों का पार्टी स्वागत करेगी।

बिहार की जनता का आभार प्रकट करते भूपेंद्र यादव ने कहा कि लोगों ने राजग पर भरोसा किया है ।अगले पांच साल तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार का विकास होगा। भूपेंद्र यादव ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से पंचायत स्तर पर किसान उत्पादक समूह बनाने का आह्वान किया ताकि आत्मनिर्भर भारत की तरह आत्मनिर्भर बिहार भी बन सके । भूपेंद्र ने राजद और कांग्रेस पर परिवारवाद की रक्षा के लिए भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया। मिलन समारोह में प्रदेश भाजपा मंत्री रामसूरत राय व रामप्रीत पासवान मौजूद थे।

उल्लेखनीय है कि बिहार चुनाव से पहले राजद के आठ में से पांच विधान पार्षद पार्टी छोड़ जदयू में शामिल हो गए थे। पार्टी छोड़ने वालों में संजय प्रसाद, राधाचरण साह, दिलीप राय, मो कमर आलम और रणविजय कुमार सिंह के नाम हैं। पांचों ने राजद से खुद को अलग करते हुए एक समूह बनाने और जदयू में शामिल होने का पत्र विधान परिषद को दिया था। इसके आलोक में विप के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने पांचों को जदयू सदस्य के रूप में मान्यता दे दी थी। राजद छोड़ने वाले पांच सदस्यों में तीन स्थानीय प्राधिकार कोटे से चुनकर आए थे तो दो का निर्वाचन विधान सभा कोटे से हुआ था।

 


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