धान की खरीदी व्यवस्था को लेकर छत्तीसगढ़ सीएम ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

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नई दिल्ली, 31 दिसम्बर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य में किसानों से धान खरीदी व्यवस्था के बेहतर संचालन के लिए केंद्र से आवश्यक अनुमति जारी करने का आग्रह किया है। प्रधानमंत्री को वस्तुस्थिति से अवगत कराने के लिए उन्होंने मुलाकात का भी समय मांगा है।

मुख्यमंत्री ने राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में किसानों से धान खरीदी व्यवस्था के संबंध में पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री को अवगत कराया है कि धान खरीदी प्रभावित होने से राज्य के पंजीकृत 21.52 लाख किसानों की आजीविका पर विपरीत प्रभाव पड़ना निश्चित है। मुख्यमंत्री ने अवगत कराया है कि धान खरीदी कार्य पूरा करने के लिए बारदाने की व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है कृपया इसका संज्ञान लिया जाए। राज्य सरकार द्वारा जूट कमिश्नर, भारत सरकार के माध्यम से 3 लाख गठान बारदानों की आपूर्ति की मांग की थी, जिसके विरूद्ध राज्य को मात्र 1.45 लाख गठान बारदाने आवंटित हुए जिसमें से केवल 1.05 लाख गठान बारदाने ही प्राप्त हुए हैं। केन्द्र सरकार की अनुमति प्राप्त न होने से वर्तमान में खरीदी केन्द्रों पर धान का उठाव न होने के कारण जाम की स्थिति निर्मित हो रही है। इससे धान के निराकरण में विलंब होगा जिससे भंडारित धान का क्षतिग्रस्त होना संभावित है।

गौरतलब है कि खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में केन्द्र सरकार द्वारा विकेन्द्रीकृत उपार्जन योजना में छत्तीसगढ़ राज्य को 60 लाख मीट्रिक टन चावल उपार्जन के लिए सैद्धांतिक सहमति दी गई। जिसके बाद राज्य सरकार ने एक दिसम्बर से समर्थन मूल्य पर धान की खरीद प्रारंभ की और अब तक 12  लाख किसानों से लगभग 47 लाख टन धान का उपार्जन हो चुका है। समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान को मिलिंग के बाद केन्द्रीय पूल में भारतीय खाद्य निगम को परिदान किए जाने के लिए आवश्यक अनुमति खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग भारत सरकार से अभी तक नहीं मिली है।

 


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