बलरामपुर: महिला सशक्तिकरण का अद्भुत मिसाल, मनरेगा में 35 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी

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बलरामपुर, 22 दिसम्बर(हि.स.)। महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा, दकियानूसी परंपरा निभाने को लेकर घुंघट की ओट में ही रहने की बात आये दिन सामने आती रहती है। ऐसे में बलरामपुर के सिक्टिहवा ग्राम में सरकारी पदों सहित अन्य क्षेत्र में महिलाओं का ही बोलबाला है। जो महिला सशक्तिकरण का अद्भुत उदाहरण है।
महिला सशक्तिकरण का अद्भुत उदाहरण
जनपद में तुलसीपुर विकास खंड का ग्राम सिक्टिहवा में ग्राम प्रधान शिक्षक लेखपाल ग्राम पंचायत सदस्य का महिलाओं का ही होना महिला सशक्तिकरण का एक सुखद संयोग है। महिलाएं यहां पति के काम में बढ़ चढ़कर सहयोग करती है। मनरेगा कार्य में भी महिलाओं की अच्छी उपस्थिति है।
मनरेगा में 35 प्रतिशत से अधिक महिलाओं की हिस्सेदारी
इस ग्राम की महिला प्रधान अनीता देवी जो पंचायत के विकास कार्य में बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी निभा रही हैं। सिक्टिहवा में बना सरकारी कंपोजिट विद्यालय प्रधानाचार्या बरखा गर्ग हैं जो प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक विद्यालय बखूबी संभालती है। विद्यालय में दो अन्य महिला अध्यापिका है।
इस ग्राम के दूसरे मजरें ओड़ाझार खुर्द प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाचार्य रीता शर्मा हैं। गांव की दो बेटियां भी शिक्षा मित्र हैं। इस ग्राम के लेखपाल भी महिला है, लेखपाल भावना गुप्ता महिलाओं के बीच आपसी सामंजस्य बनाकर गांव की तमाम समस्याओं को आसानी से सुलझा देती हैं। इसके अलावा ग्राम की आंगनबाड़ी अनीता देवी, माया देवी है। स्वास्थ्य कर्मी के रूप में आशा शीला देवी, मंजू देवी, सावित्री देवी सक्रिय रुप से अपनी स्वास्थ्य सेवाएं दे रही है। ग्राम पंचायत सदस्य के रूप में पांच महिलाएं कृष्णावती, नूरजहां, अकीकुन, नगमा, माफिया है। ग्राम पंचायत अधिकारी अमरनाथ राय ने बताया कि मनरेगा कार्य में यहां महिलाओं की हिस्सेदारी 35 प्रतिशत से अधिक है।
ग्राम में कुन्नु तथा नानमून की दो चाय की दुकानें है। दुकान में पति के साथ-साथ उनकी पत्नियां बखूबी से कंधे से कंधा मिलाते हुए सहयोग कर रही है।

 


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