चीन से निपटने का सही समय, भारत तिब्बत की प्रवासी सरकार को मान्यता की घोषणा करे: शान्ता कुमार

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पालमपुर, 30 नवम्बर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री शान्ता कुमार ने कहा कि अमेरिका द्वारा तिब्बत की स्वायतता के सम्मान की घोषणा और भारत में तिब्बत की प्रवासी सरकार को मान्यता विश्व राजनीति की एक महत्वपूर्ण घटना है। तिब्बत सरकार के प्रधानमन्त्री लोबसांग सांगेय को पहली बार व्हाईट हाऊस का निमन्त्रण और अमेरिका के सम्बधित मन्त्री से बातचीत भी एक महत्वपूर्ण घटना है और प्रवासी तिब्बत सरकार की बहुत बड़ी सफलता है। उन्होंने इसके लिए पूरे विश्व में बैठे तिब्बतियों को बधाई दी और सांगेय की सराहना की तथा वधाई दी।

शान्ता कुमार ने कहा कि विश्व की राजनीति तेजी से बदल रही है। भले ही चीन एक महां शक्ति बन गया है परन्तु कोरोना संकट के बाद चीन पूरी दुनिया में अकेला पड़ रहा है। चीन की विस्तारवादी नीति को इससे बहुत बड़ा धक्का लगा है।

उन्होंने कहा कि भारत को यह अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि आज भारत को सबसे बड़ा संकट चीन से है। चीन और पाकिस्तान की दोस्ती भारत के लिए और भी बड़ा संकट है। भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री जवाहर लाल नेहरू ने हिन्दी चीनी भाई भाई कहकर मित्रता की बड़ी कोशिश की परन्तु चीन ने धोखा दिया। भारत को चीन से अब निपटना ही पड़ेगा और उसके लिए आज का समय सबसे अनुकूल है। इसलिये भारत अतिशीघ्र धर्मशाला में तिब्बत प्रवासी सरकार को विधिवत औपचारिक मान्ययता देने की घोषणा करे। जब भारत ने धर्मशाला में सरकार स्थापित होने दी तो परोक्ष मान्यता तो पहले ही है। अब भारत प्रत्यक्ष मान्यता दे।

शान्ता कुमार ने आगे कहा कि दलाई लामा को भारत रत्न से सम्मानित करे और अमेरिका जैसे देशों के सहयोग से सयुंक्त राष्ट्र संघ में तिब्बत के विषय को उठाये। यदि अन्य देशों के सहयोग से भारत चीन को निपट लेगा तो पाकिस्तान तो स्वयं ही निपट जाएगा। पाकिस्तान तो कागज पर शेर है। परन्तु चीन के सहयोग से वह बहुत बड़ा संकट है।

 


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