10 हजार नए एफपीओ की योजना से बढ़ेगी किसानों की आय: तोमर

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केंद्रीय मंत्री तोमर ने किया पांच राज्यों में शहद के एफपीओ का शुभारंभ



नई दिल्ली, 26 नवम्बर (हि.स.)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 10 हजार एफपीओ बनाने की केंद्र सरकार की योजना के अंतर्गत पांच राज्यों में मधुमक्खी पालकों, शहद संग्राहकों के 05 एफपीओ का गुरुवार को शुभारंभ किया। ये एफपीओ मध्य प्रदेश में मुरैना, पश्चिम बंगाल में सुंदरबन, बिहार में पूर्वी चंपारण, राजस्थान में भरतपुर और उत्तर प्रदेश में मथुरा जिले में नाफेड के सहयोग से बने हैं।
इस अवसर पर तोमर ने कहा कि 10 हजार नए कृषक उत्पादक संगठन बनने पर छोटे-मझोले किसानों के जीवन में बदलाव आएगा और इनकी आय काफी बढ़ेगी, वहीं “मीठी क्रांति” से दुनिया में भारत का महत्वपूर्ण स्थान बनेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 10 हजार एफपीओ बनाने की योजना की सफलता के लिए कृषि मंत्रालय ने बहुत अच्छे से तैयारियां कर ली हैं।
तोमर ने कहा कि मधुमक्खी पालन कार्य छोटे किसानों की आमदनी बढ़ाने में बड़ा मददगार साबित हो सकता है। केंद्र सरकार की कोशिश है कि आने वाले कल में यह “मीठी क्रांति” न केवल सफल हो, बल्कि इस लक्ष्य तक पहुंचे कि दुनिया में शहद की दृष्टि से भारत एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त कर सकें। इसके लिए 500 करोड़ रुपये का फंड आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत पैकेज के रूप में दिया गया है, वहीं अनेक अन्य योजनाओं के माध्यम से भी मधुमक्खी पालकों को निरंतर प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
 कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरषोत्तम रूपाला ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने में एफपीओ का यह कदम मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि शहद में अलग-अलग वैरायटी की मांग बढ़ रही है, अब मीठी क्रांति की शुरूआत हो गई है।
 60 हजार क्विंटल शहद सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचेगा-
केंद्र सरकार की योजना के अंतर्गत इन पांचों नए एफपीओ से जुड़े लगभग पांच सौ गांवों के 4 से 5 हज़ार शहद उत्पादकों को इस परियोजना से सीधा लाभ पहुंचेगा। शहद उत्पादकों द्वारा निकाला जाने वाला 60 हजार क्विंटल शहद अब उनके स्वयं के द्वारा ही प्रोसेस करके नाफेड की मदद से उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाएगा, जिससे इनकी आय बढ़ेगी।
 एफपीओ के सदस्य संगठन के रूप में अपनी गतिविधियों का प्रबंधन कर सकेंगे ताकि प्रौद्योगिकी, निवेश, वित्त और बाजार तक बेहतर पहुंच हो सकें। नाफेड अपनी सम्बद्ध संस्था इंडियन सोसाइटी ऑफ एग्रीबिजनेस प्रोफेशनल्स (आईएसएपी) के द्वारा मधुमक्खी पालकों के नए एफपीओ बना रहा है।

 


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