तीन घंटे के भीतर ही शिक्षा मंत्री को देना पड़ा इस्तीफा

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पटना,19 नवम्बर (हि.स.) ।बिहार के नव नियुक्त शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। मेवालाल पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं।बिहार के शिक्षा मंत्री के रूप में गुरुवार को पदभार ग्रहण करने के बाद  मेवालाल चौधरी ने इस्तीफा दे दिया है। जानकारी के मुताबिक मेवालाल चौधरी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप के बाद उन्हें  इस्तीफा देना पड़ा है।

ज्ञात हो कि मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाने की घोषणा के बाद से ही प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई थी। बीएयू सबौर में वाइस चांसलर रहते प्रोफेसरों  की  नियु्क्ति में धांधली हुई थी। तत्कालीन वाइस चांसलर रहे मेवालाल चौधरी पर आरोप लगने के बाद राज्यपाल के आदेश पर जांच हुई थी। हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस की जांच में उनपर लगे आरोप सही पाए गए थे। इसी मामले में मेवालाल चौधरी का भतीजे  की गिरफ्तारी भी हुई थी।

इस मामले में महागठबंधन नेता तेजस्वी प्रसाद यादव शुरु से ही शिक्षा मंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार पर निशाना साध रहे थे। हालांकि दूसरी तरफ मेवा लाल चौधरी ने विपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद बताया। इस मामले में उन्होंने कहा कि आरोप लगाने वाले दल के सुप्रीमो भ्रष्टाचार के मामले में जेल में हैं तो दूसरे जेल के दरवाजे पर खड़े हैं। इसी क्रम में राजद के सांसद अशफाक करीम ने शिक्षा मंत्री से मिलकर उन्हें बधाई दी तो इसके कई सियासी मायने लगाए जाने लगे थे । इस संदर्भ में राजद सांसद ने अपनी मुलाकात को शिष्टाचार मुलाकात बताया था। पूर्व शिक्षा मंत्री डा. मेवालाल चौधरी ने कहा है कि मुझ पर लगे सारे आरोप निराधार हैं। मैं चार्जशीटेड नहीं हूं। सारा मामला कोर्ट में है।

तेजस्वी ने ट्वीट कर आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति और भवन निर्माण में भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों के आरोपी को शिक्षा मंत्री बनाया है। उन पर आईपीसी की धारा 409,420,467, 468,471 और 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज है। सरकार पर तंज कसते हुए तेजस्वी ने  कहा कि क्राइम, करप्शन व कम्यूनलिज्म की बात करते रहेंगे मुख्यमंत्री जी या फिर उस पर अमल भी करेंगे।

 


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