मेरा कर्म ही मेरा धर्म है- डॉ.मनोज कुमार

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गोपी कृष्ण सहाय

कहते हैं कि डॉक्टर धरती पर भगवान का दूसरा रूप होता है l कई मामलों में मैक्स हॉस्पिटल में कार्यरत डॉ मनोज कुमार ने ये साबित किया है l अपने पेशे के साथ न्याय करते हुए इस साल उन्होंने दिवाली में भी अपने पेशेंट की देखभाल ही करते रहे l घर में उनका पूरा परिवार उनका इंतज़ार करता रहा पर उन्होंने हॉस्पिटल को ही अपना घर मानते हुए देर तक मरीजों की सेवा में ही लगे रहे l

ये पहली बार नहीं है जब उन्होंने अपने पेशेंट के लिए अपने पर्व त्यौहार की चिंता नहीं की l हर साल ऐसे कई त्यौहार आते हैं जिसे वे अपने पेशेंट्स के साथ ही गुजारते हैं l उनके लिए तो मानो उनका कार्यस्थल ही उनका घर बन चुका है l

डॉ. मनोज कुमार आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है l वे मैक्स हॉस्पिटल में डायरेक्टर हैं l ह्रदय रोग विशेषज्ञ की बात करें तो वे देश के गिने चुने डॉक्टरों में शामिल हैं l पर
इतनी ऊंचाई पर पहूँच कर भी डॉ. मनोज कुमार एक आम स्वास्थ्यकर्मी की तरह दिन रात मरीजों की देखभाल में लगे रहते हैं l

इस विषय पर जब खबर वर्ल्ड के संवाददाता ने डॉ मनोज कुमार से जानना चाहा कि ऐसी क्या बात है जो उन्हें हर परिस्थिति में पेशेंट सेवा करने को प्रेरित करता है तो उनका जवाब बिलकुल सीधा था कि मेरे लिए तो मेरा कर्म ही मेरा धर्म है l

उन्होंने बताया कि डॉक्टरी पेशा को अपनाने वाले हर व्यक्ति के लिए पेशेंट से बढ़कर और कुछ नहीं होना चाहिए l उन्होंने आगे बताया कि जब कोई रोगी उनके प्रयासों से ठीक होकर अपने घर जाता है तो उस समय जो ख़ुशी मिलती है उनको शब्दों में वयां नहीं किया जा सकता है l उन्होंने कहा की रोगी तथा उनके परिवार कि खुशियाँ मेरे लिए किसी भी

पर्व-त्यौहार से कई गुना बड़ी होती है l
साथ ही उन्होंने अपने साथ काम करने वाले सहकर्मियों को धन्यवाद दिया जिन्होंने उन्हें अपनी जिम्मेदारी के निर्वाह में हर समय सहयोग किया है l

उल्लेखनीय है कि डॉ. मनोज कुमार के इस सेवा भाव के लिए उनका नाम दो बार पद्म श्री के लिए प्रस्तावित किया गया l हालांकि उन्हें आज तक पद्म पुरस्कार से सम्मानित नहीं किया गया है l इस बार भी उनका नाम पद्म श्री के प्रस्तावित है l आशा करते हैं कि इस बार उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से नवाजा जायेगा l जिसके वे हक़दार भी हैं l जिन्होंने अपनी पेशे को ही अपनी जिंदगी का मकसद बना लिया हो ऐसे डॉक्टर का मैं नमन करता हूँ l

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं )


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