​भारत के लिए 6 पनडुब्बियां बनाएगी फ्रांसीसी कंपनी

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राफेल जेट्स के बाद फ्रांस से पनडुब्बी का सौदा करने की तैयारी में भारत ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अनुरूप भारत में ही बनाई जाएंगीं पनडुब्बियां 



नई दिल्ली, 07 नवम्बर (हि.स.)। फ्रांस से बढ़ रहे द्विपक्षीय संबंधों के बीच राफेल सौदे के बाद अब भारत फ्रांसीसी जहाज निर्माता कंपनी नेवल ग्रुप से नई पनडुब्बियों का सौदा करने के लिए तैयार है। फ्रांसीसी कंपनी रणनीतिक भागीदारी मॉडल के तहत​​ भारतीय नौसेना के लिए ​​पी-7​​5आई श्रेणी की 6 पनडुब्बियों का निर्माण ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अनुरूप भारत में ही करेगी। चीन की नौसेना की बढ़ती ताकत के मद्देनजर ये पनडुब्बियां भारत की ताकत में इजाफा करेंगीं।​ 
दरअसल, भारतीय नौसेना के लिए छह पारंपरिक पनडुब्बियों के निर्माण के लिए 55,000 करोड़ रुपये का मेगा प्रोजेक्ट काफी समय से लंबित चल रहा है। इसके लिए निविदा प्रक्रिया शुरू करके रक्षा मंत्रालय ने दो भारतीय फर्मों लार्सन एंड टुब्रो और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स को चुना। इसके बाद 5 विदेशी कंपनियों में जर्मनी कीथायसीनक्रूप मरीन सिस्टम, रूस की रुबिन डिज़ाइन ब्यूरो, स्पेन की नवानतिया, फ्रांसीसी जहाज निर्माता कंपनी नेवल ग्रुप और साउथ कोरिया की देवू शिपबिल्डिंग एंड मरीन इंजीनियरिंग कंपनी से भी प्रस्ताव मांगे।​ सरकार ​’​मेक इन इंडिया​’​ के तहत रक्षा क्षेत्र की ​घरेलू कंपनियों की क्षमता ​बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है ​ताकि सशस्त्र बलों ​के लिए हथियारों, रक्षा प्लेटफार्म और अन्य साजो सामान की जरूर​तें पूरी होने के साथ ही देश रक्षा क्षेत्र में भी ​’​आत्मनिर्भर​’​ बन सके।​​
इस बीच 5 राफेल जेट को वायुसेना के बेड़े में शामिल करने के मौके पर भारत आईं फ्रांसीसी रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पैली और भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच 10 सितम्बर को द्विपक्षीय वार्ता हुई। भारत-फ्रांस के रक्षा सहयोग पर इसी वार्ता में पी-75 आई पनडुब्बियों के बारे में भी चर्चा हुई। आखिरकार फाइनल हुआ कि एयर-इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन तकनीक के साथ छह स्टील्थ पनडुब्बियां फ्रांसीसी जहाज निर्माता नौसेना समूह बनाएगा, जो भारतीय नौसेना के पास पहले से मौजूद सबमर्सिबल रेंज की तुलना में अधिक जलमग्न होंगी। ​​सामरिक मॉडल के तहत भारतीय कंपनी अपनी विदेशी भागीदार कंपनी के साथ मिलकर देश में उत्पादन इकाई बनायेगी और पनडुब्बियों का डिजायन तथा प्रौद्योगिकी हासिल करेगी। 
 
‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने के लिए वर्तमान सरकार द्वारा मई 2017 में शुरू की गई रणनीतिक साझेदारी (एसपी) नीति के तहत शुरू की जाने वाली यह पहली परियोजना बन जाएगी। पनडुब्बी परियोजना या अन्य एसपी परियोजना रक्षा मंत्रालय के आयात हथियारों से प्रभावित नहीं होगी। रक्षा मंत्रालय ने फ्रांसीसी कंपनी से पनडुब्बी के प्रस्तावित डिजाइन के बारे में और जानकारी मांगी है। इस परियोजना से देश में पनडुब्बी और समुद्री पोत के निर्माण को ​बढ़ावा मिलने के साथ ही रक्षा उद्योग क्षेत्र को भी इससे मजबूती मिलेगी।​ ​चीन की नौसेना की बढ़ती ताकत के मद्देनजर ये पनडुब्बियां भारत की ताकत में इजाफा करेंगीं।​ ​
 
अगले 8-10 सालों में बदल जाएगी नेवी की तस्वीर  
पानी के भीतर अपनी युद्धक क्षमता बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना की परमाणु हमला करने की क्षमता वाली छह पनडुब्बी समेत 24 नई पनडुब्बी खरीदने की योजना है। नौसेना के पास वर्तमान में 15 पारंपरिक पनडुब्बी और दो परमाणु संपन्न पनडुब्बी हैं। हिन्द महासागर क्षेत्र में चीन की सेना की बढ़ती मौजूदगी के मद्देनजर नौसेना अपनी क्षमता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड भी भारत के लिए पनडुब्बियों का निर्माण कर रहा है जिसमें कई इसी वर्ष के अंत तक नौसेना के बेड़े में शामिल होने की उम्मीद है। कुल मिलाकर आने वाले 10 सालों में भारतीय नौसेना की तस्वीर बदल जाएगी।

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